दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल तैयार, इसी हफ्ते होगा परिक्षण

ब्रह्मोस सुपरसोनिकनई दिल्ली। दुनिया भर में आधुनिक हथियारों का ज़खीरा रखने वाले देशों में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में भारत बहुत जल्द ही एक इतिहास रचने वाला है। दरअसल, भारत में इसी हफ्ते पहली बार सुखोई 30MKI से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण होने जा रहा है। इसके लिए तकरीबन 40 सुखोई विमान को अपग्रेड किया जा रहा था। 3200 किमी क्रूज रेंज में यह परीक्षण एक घातक कॉम्बिनेशन है।

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आपको बता दें कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। तेज गति से आक्रमण के मामले में दुनिया की कोई भी मिसाइल इसकी बराबरी नहीं कर सकती। वहीँ इस मिसाइल के सफल परिक्षण के बाद भारत की सेनाओं की शक्ति और बढ़ जाएगी। हवा से जमीन में मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग दुश्मन की सीमा में घुसकर आतंकी कैंप पर सटीक निशाने साधने में किया जा सकेगा। साथ इस परीक्षण के बाद यह मिसाइल दुश्मनों के लिए और ज़्यादा खतरनाक हो जाएगी।

इस परीक्षण के बाद ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अभियानों में भी किया जा सकेगा। इससे वह दुश्मन की सीमा में अंडरग्राउंड बंकरों पर भी निशाना साध सकेगी। एअरक्राफ्ट करियर को काफी दूर से कमांड और कंट्रोल भी किया जा सकेगा।

रूस के साथ मिलकर तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी और गति 2।8 मैच है। इससे जमीन और समुद्र पर निशाना साधा जा सकता है। इसे साल 2005 में पहली बार भारतीय सेना में शामिल किया गया था।

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मेनुवरेबल तकनीकी से है लैस

ब्रह्मोस मेनुवरेबल तकनीकी से लैस है। निशाना साधने के बाद यदि लक्ष्य रास्ता बदलता है तो ये भी अपना रास्ता बदल लेती है और उसे निशाना बनाती है।

ऐसे पड़ा है ब्रह्मोस नाम

ब्रह्मोस नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है। रूस इस प्रोजेक्ट में लॉन्चिंग टेक्नॉलजी उपलब्ध करा रहा है। भारत ने उड़ान के दौरान रूट गाइड करने की क्षमता विकसित की है।

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