एफपीआई ने भारतीय बाजारों से निकाले 35 करोड़ रूपये, श्रीकांत ने कहा विदेशी निवेश में बना रहेगा उतार-चढ़ाव

( रितिक भारती )

भारतीय शेयर बाजारों से विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों की निकासी का सिलसिला जारी है। एफपीआई ने इस महिने अब तक भारतीय बाजारों से 35,000 करोंड़ रूपये से ज्यादा की राशि निकाली है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ( US Central Bank ) द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर की मजबूती की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं।

इस तरह FPI  2022 में अब तक भारतीय बाजारों से 1.65 लाख करोंड़ रूपये निकाल चुके हैं। कोटक सिक्योरिटीज के इक्कीटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहना कि कच्चे तेल की कीमत, महंगाई, सख्त मौद्रिक नीति और अन्य कारणों को देखते हुए आगे भी विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। जियोजित फाइनेंशियल के प्रमुख निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार का कहना है कि विदेशी निवेशकों के प्रमुख बाजार अमेरिका में कमजोरी बनी हुई है। वहीं, डालर मजबूत हो रहा है। ऐसे में एफपीआइ की आगे भी घरेलू बाजारों में बिकवाली जारी रहेगी। विदेशी निवेशक अप्रैल 2022 तक लगातार सात महीने भारतीय बाजार में शुध्द बिकवाल रहे हैं।

इस दौरान उन्होंने शुध्द रूप से 1.65 लाख करोड़ रूपये से अधिक की निकासी की है। लगातार छह महीने तक बिकवाली के बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में एफपीआई ने शेयरों में हालांकि 7,707 करोड़ रूपये का निवेश किया था, लेकिन उसके बाद 11 से 13 अप्रैल तक कम कारोबारी सत्र वाले हफ्ते में वे एक बार फिर बिकवाल बन गए। लेकिन, विदेशी निवेशकों ने अपनी निवेश की धारणा को जारी नहीं रखा और फिर से शुद्ध विक्रेता बन गए। कुल मिलकार बीते सात महीने में यह शुद्ध विक्रेता ही रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा स्थितियों के बीच विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से फंड निकालना अभी जारी रह सकता है।

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