चूड़ी फैक्ट्री में बिहारी बच्चों से जबरन कराया जाता था श्रम, महिला आयोग ने कराया मुक्त

देश में आज भी बहुतेरे बच्चे बालश्रम के लिए मजबूर हैं। उन बच्चों को असमय श्रम करने कई कारण हो सकते हैं। यदा कदा किसी सरकारी या गैरसरकारी संगठन के प्रयास कुछ बच्चों को बाल श्रम से मुक्ति मिल जाती है, नहीं तो न जाने कितने आज भी अपने गिरी हालात के कारण श्रम करने के लिए बाध्य हैं।

ऐसा ही एक मामला दिल्ली महिला आयोग के हाथ लगी है। महिला आयोग ने चूड़ी बनाने वाली फैक्ट्री से नाबालिक लड़कों को मुक्त कराकर उक्त फैक्ट्री के खिलाफ दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।

बता दें कि सोमवार को एक व्यक्ति ने 181 महिला हेल्पलाइन पर कॉल कर आयोग को सूचना दी। सूचना देने वाले व्यक्ति ने बताया कि जहांगीरपुरी इलाके में एक चूड़ी बनाने की फैक्ट्री है, जिसका मालिक 5 बच्चों से श्रम करवा रहा है और उन बच्चों के साथ अवांछनीय व्यौहार भी करता है। मनमुताबिक काम न होने पर उन्हें पीटता भी है।

सूचना मिलते ही आयोग की एक टीम दिल्ली पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और तत्काल उन्हें बंधन मुक्त करवाया। आयोग ने जिन बच्चों को मुक्त करवाया है, उन बच्चों में से दो की उम्र 8 वर्ष, एक की 10 वर्ष तथा बाकी दो की उम्र 13 वर्ष है।

बच्चों ने अपने विषय में जानकारी देते हुए बताया कि वो सब बिहार से यहां काम करने के लिए आए हैं। उनके घर के आर्थिक हालात ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें चूड़ी फैक्ट्री में काम करने के लिए रखा गया था, जिसके एवज में उन्हें चार हजार रुपये देने का वादा किया था, जो अभी तक नहीं मिला है।

वहीं इस मामले को संज्ञान लेते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर चूड़ी फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ कार्रवाई कर उनकी गिरफ्तारी करने की मांग की है।

मालीवाल ने कहा कि ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में सैकड़ों बच्चों का बचपन गरीबी के कारण कुर्बान हो जाता है। ये बहुत निराशा की बात है कि स्कूल जाने और खेलने कूदने की उम्र में इन बच्चों को काम करने के लिए मजबूर किया गया और बेरहमी से पीटा गया। मै उस व्यक्ति की आभारी हूं, कि जसने फोन कर महिला आयोग को सूचना दी और बच्चों को बचाने में आयोग की मदद की।

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