
उत्तराखंड में 20 और 21 जुलाई को मौसम का मिजाज बिगड़ने की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून ने नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर, और पौड़ी गढ़वाल के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश (7-20 सेमी) के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

देहरादून, टिहरी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, हरिद्वार, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, और अल्मोड़ा में कहीं-कहीं भारी बारिश (7-11 सेमी) के लिए येलो अलर्ट लागू है। इन क्षेत्रों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं और बिजली गिरने की संभावना है। भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है, जिसके चलते 39 सड़कें बंद हो गई हैं, जिनमें 34 ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
मौसम:
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, एक गहरे निम्न दबाव क्षेत्र और पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तराखंड में 20-21 जुलाई को भारी बारिश होगी। ऑरेंज अलर्ट वाले जिलों में 115-204 मिमी बारिश की संभावना है, जो भूस्खलन, सड़क अवरोध, और नदियों में उफान का कारण बन सकती है। येलो अलर्ट वाले क्षेत्रों में 64-115 मिमी बारिश की उम्मीद है, साथ ही तेज हवाएं और बिजली गिरने का खतरा है। सोमवार के बाद भी कुछ क्षेत्रों में बारिश जारी रह सकती है।
बंद सड़कों की स्थिति:
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भारी बारिश और भूस्खलन से 39 सड़कें बंद हैं। चमोली में 20 ग्रामीण सड़कें और 1 राज्य मार्ग, टिहरी में 8 ग्रामीण सड़कें, पिथौरागढ़ में 6 ग्रामीण सड़कें, और नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, देहरादून में अन्य सड़कें प्रभावित हैं। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर ओजरी के पास मलबा आने से रास्ता बंद है, जहां 24 मीटर लंबे बैली ब्रिज का निर्माण चल रहा है। पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट और आपदा प्रबंधन टीमें सड़कों को खोलने में जुटी हैं, लेकिन बारिश के कारण कार्य में देरी हो रही है। चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसके कारण तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है।
प्रशासन की कार्रवाई और सलाह:
प्रशासन ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को हाई अलर्ट पर रहने और आपातकालीन टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में अर्थमूविंग मशीनरी और उत्खनन यंत्र तैनात किए गए हैं। चारधाम यात्रियों और पर्यटकों से अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम अपडेट्स की जांच करने की अपील की गई है। नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।
किसानों को पकी फसलों को सुरक्षित करने और खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। चमोली और अन्य प्रभावित जिलों में स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है, और लोगों से घरों में रहने की अपील की गई है।