Bihar Assembly Election 2020 : लगातार घट रहा महागठबंधन का कुनबा, खल रही लालू की कमी तो तेजस्वी दिख रहे नाकाम

बिहार में विपक्षी दलों को जोड़कर महागठबंधन को बड़ा करने देने की पहल शुरु की गयी थी, लेकिन महागठबंधन अपने पुराने स्वरूप को बरकरार रखने में ही नाकाम दिख रहा है। रालोसपा के बाद अब सीपीआई माले ने भी महागठबंधन से दूरी बना ली है। कांग्रेस के बाद अब राजद की बातचीत परवान नहीं चढ़ रही। वहीं लगातार विपक्षी एकता की जड़ें मजबूत होने की जगह नए मोर्चे को जन्म दिया जा रहा है।

आपको बता दें कि सीट बंटवारे और चुनावी रणनीति के बारे में इन दिनों जेल में बंद लालू यादव की कमी खलती दिख रही है। वहीं तेजस्वी भले ही तेजस्वी को महागठबंधन की ओर से सीएम पद का चेहरा बना दिया गया हो लेकिन इसको लेकर कहीं न कहीं असंतोष दिख रहा है। यह असंतोष खुद लालू के परिवार तक में व्याप्त है। बता दें कि रालोसपा और हम से इतर सीपीआई माले की महागठबंधन से दूरी राजद के लिए चुनाव में शुभ संकेत नहीं है। 6 वामदलों में सीपीआई माले का ही प्रभाव राज्य में सबसे ज्यादा है। इसी के साथ बीते चुनाव में माले को तीन सीटें तो वाममोर्चा को चार फीसदी वोट मिले थे।

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