उमेश पाल हत्याकांड को लेकर बड़ा खुलासा, अशरफ के नेटवर्क का पता लगाने में जुटीं एसटीएफ एजेंसियां
प्रयागराज में बसपा नेता राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और दो सुरक्षाकर्मियों के हत्याकांड मामले में नया सच उजागर हुआ है। माफिया अतीक अहमद का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ बरेली जेल में बंद है। उमेश पाल हत्याकांड में वह नामजद आरोप है। एसटीएफ को जांच में पता है कि उसने जेल में रहते हुए एक नेता की मदद से रिश्तेदार युवक के जरिेए बरेली में नेटवर्क बना लिया था।
उमेश पाल हत्याकांड में बरेली जिला जेल में बंद अशरफ की भूमिका सामने आने के बाद एसटीएफ और एजेंसियां तेजी से पड़ताल में जुट गई हैं। इस बीच शहर में जमे अशरफ के गुर्गे मोबाइल बंद कर फरार हो गए हैं। किसी शूटर की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर इनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
बरेली जेल में रहते हुए अशरफ ने रिश्तेदार युवक और परिचित की मदद से दो साल में किस तरह शहर और आसपास नेटवर्क खड़ा किया, एजेंसियां उसका पता लगाने में जुटी हैं। खुफिया अमला भी शहर की उन पॉश कॉलोनियों में जानकारी जुटाने में लगा है, जहां अशरफ के लोग रहकर प्रयागराज और अन्य स्थानों से आने वालों की पैरवी करते थे। विपक्ष की पार्टी से जुड़े एक नेता की इस मामले में भूमिका पता चलने के बाद एसटीएफ और सक्रिय हो गई है।
सादा कपड़ों में टीम जुटा रही जानकारी
इस बीच सादा कपड़ों में टीम के सदस्यों ने फाइक एन्कलेव समेत उन इलाकों में भ्रमण कर जायजा भी लिया जहां आलीशान कोठियों में गुर्गे अब तक मौज काट रहे थे। पता लगा कि प्रयागराज की घटना के बाद से ही यहां आवाजाही सीमित है। कुछेक नौकर रह गए थे, जो तीन दिन पहले यहां से खिसक गए। प्रयागराज पुलिस के सूत्रों से पता लगा है कि अशरफ की पत्नी से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं। नई गिरफ्तारियों के बाद आरोपियों की निशानदेही पर बरेली शहर व जेल में धरपकड़ की जा सकती है।