कमल का दामन थाम रहा पटेल समुदाय, हार्दिक का जलवा हुआ कम… सोशल मीडिया पर दिखा दर्द

हार्दिक पटेल को बड़ा झटकानई दिल्ली। गुजरात में हो रही सियासी उथल-पुथल ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को बड़ा झटका दिया। जहां दो साल पहले हार्दिक की एक आवाज पर पटेल समुदाय अपनी जान हथेली पर लेकर चल देता था। आज वहीं पटेल समुदाय हार्दिक से दूरिया बना रहा है। बनते-बिगड़ते हालातों के बीच पाटीदारों का रुझान अब हार्दिक पटेल से हटकर कमल की ओर जाता नजर आ रहा है।

दो साल पहले बीजेपी के खिलाफ बगावत का झंडा उठाने वाले हार्दिक के साथियों के दिल में कमल खिल रहा है और वो एक-एक करके बीजेपी का दामन थाम रहे हैं।

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हार्दिक धीरे-धीरे गुजरात की सियासी रणभूमि में अकेले पड़ते जा रहे हैं। उनके अकेलेपन का ये दर्द अब उनके ट्वीट से भी झलकने लगा है। सोमवार की दोपहर हार्दिक ने ट्वीट किया…

https://twitter.com/HardikPatel_/status/932532748383813632

हार्दिक पटेल  इस ट्वीट के बाद ही नहीं रुके, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की लिखी पंक्तियों के जरिए भी अपना दर्द बयां किया।

उन्होंने ट्वीट किया-बाधाएं आती हैं आएगी, घिरे प्रलय की घोर घटा, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं,निज हाथों में हंसते हंसते, आग लगाकर जलना होगा, क़दम मिलाकर चलना होगा।

बता दें कि पटेल आरक्षण आंदोलन के जरिए हार्दिक पटेल को प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में नई पहचान मिली थी। हार्दिक पटेल ने आंदोलन के जरिए गुजरात की तस्वीर को बदल कर रख दिया था।

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हार्दिक पटेल ने 25 अगस्त, 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड में रैली की। इस रैली में 5 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ हार्दिक के फरमान पर सड़कों पर उतर आई थी। इस आंदोलन के बाद हुई हिंसा में कई पटेल युवकों की जानें भी गई थी।

गुजरात में पटेल समुदाय करीब 16 फीसदी है। जो सत्ता बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखता है। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है।

पिछले दो दशक से राज्य का पटेल समुदाय बीजेपी का परम्परागत वोटर रहा है, लेकिन अब वो नाराज चल रहा है।

इसी का नतीजा रहा कि 2015 में हुए जिला पंचायत चुनाव में पाटीदार बाहुल्य इलाके में कांग्रेस विजयी रही और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

हार्दिक की खुमारी पटेल समुदाय के युवकों के सिर इस कदर चढ़कर बोल रही थी, कि पिछले दिनों गुजरात में बीजेपी की निकली गौरव यात्रा में डिप्टी सीएम नीतिन पटेल को भी नाराजगी का सामना करना पड़ा था।

इसके अलावा आरक्षण आंदोलन के दौरान गुजरात में बीजेपी की रैली के मंच पर लोहे की जाली लगानी पड़ी थी ताकि अमित शाह को किसी भी संभावित हमले से बचाया जा सके।

वक्त बदला और सियासत ने ऐसी करवट ली कि बीजेपी के खिलाफ बगावती तेवर अख्तियार करने वाले पटेल समुदाय के नेताओं को फिर बीजेपी रास आने लगी है।

देखें वीडियो :-

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