बीएचयू के कुलपति ने थोड़ी चुप्पी, कहा- हम हर छात्रा को गार्ड नहीं दे सकते
वाराणसी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय पिछले कुछ दिनों से राजनीति का केंद्र बना हुआ है। छात्र-छात्राओं पर पुलिस के लाठीचार्ज होने के बाद से मामले ने नया मोड़ ले लिया है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने फायदे के लिए बयानबाजी कर रही है। मामले को बढ़ता देख विश्वविद्यालय के वीसी ने आगे आने का फैसला लिया। कैमरे के सामने आते ही उन्होंने ऐसी कई बातें कही हैं, जिससे साफ़ हो जाता है कि उनका इस मसले पर चुप रहना कितना जायज़ था।
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कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी की नजर में ‘राजीनितिक फायदे’ की मंशा के चलते यह काण्ड किया गया। उनके मुताबिक पूरा मामला महज एक छेड़छाड़ की ‘सामान्य घटना’ से शुरू हुआ था।
कुलपति यह भी मानते हैं कि बीएचयू परिसर में हुई यह घटना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे के ठीक एक दिन पहले जानबूझकर सामने लायी गई थी।
बता दें कुलपति द्वारा लड़कियों के साथ हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले को छेड़छाड़ की ‘सामान्य घटना’ बताने के बाद से उनकी जमकर आलोचना हो रही है।
क्या था पूरा मामला
बीएचयू परिसर में एक छात्रा के साथ हुई छेड़खानी पर शिकायत करने के बाद भी सुरक्षाकर्मी द्वारा उसकी मदद न किए जाने के बाद वहां की तमाम छात्राओं ने अपनी सुरक्षा की मांग के साथ-साथ कुछ अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
वीसी द्वारा कही गई कुछ प्रमुख बातें
वीसी के मुताबिक छात्राएं ऐसी चीज के लिए खड़ी हुई थीं जो सच की तरह दिखता था लेकिन वह झूठ था। यदि लड़कियों पर फोर्स का इस्तेमाल किया गया, तो मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।
बकौल कुलपति कभी-कभी कुछ मुद्दे होते हैं और कभी मुद्दे पैदा कर दिए जाते है। यह मुद्दा पूर्व नियोजित था। मुझे लगता है कि यह समस्या बाहरी लोगों द्वारा बनाई गई थी।
उन्होंने कहा, ‘इस मामले ने अंत में जो आकार लिया वह प्रारंभिक घटना से भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है’।
त्रिपाठी के मुताबिक यह काफी बड़ा परिसर है, कहीं भी कुछ भी हो सकता है। हम हर छात्रा को गार्ड नहीं दे सकते।
उन्होंने कहा कि पुलिस का इस्तेमाल अपराधियों के खिलाफ किया गया था। छात्राओं के खिलाफ नहीं। वहां ऐसी स्थिति पनप चुकी थी कि फोर्स का इस्तेमाल करना जरुरी हो गया था।
आगे उन्होंने कहा, ‘अगर हम हर लड़की की हर मांग को सुनने लगें तो हम विश्वविद्यालय नहीं चला पाएंगे’।
प्रोफेसर त्रिपाठी का मानना है कि छात्राओं का विरोध प्रदर्शन एक छोटी सी घटना पर है। आगे उन्होंने कहा, ‘लड़कों और लड़कियों के लिए सुरक्षा कभी भी समान नहीं हो सकती है’।
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उन्होंने कहा कि यह तो गनीमत है कि त्रिवेणी और एमएमवी लड़कियों के लिए कर्फ्यू समय रात 8 बजे का है। वहीं एक अन्य लड़कियों के छात्रावास में यह समय शाम 6 बजे तक ही है।
प्रो. त्रिपाठी के मुताबिक पीएम मोदी की यात्रा से पहले इस बात को भड़काने के लिए ही छेड़छाड़ की गई थी। जोकि सिर्फ विरोध की राजनीति से प्रेरित था।
बता दें कुलपति के बातों को किनारे रखते हुए बीएचयू की छात्राओं ने दावा किया है कि विश्वविद्यालय में ऐसी कोई लड़की नहीं है, जिसे परिसर में परेशान ना किया गया हो या फिर उसके साथ छेड़छाड़ ना हुई हो।
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