भैया दूज 2017: जानिए…क्यों मनाया जाता है भैया दूज, मुहूर्त व पूजा विधि

भैया दूज 2017भाई-बहन के परस्पर स्नेह का प्रतीक त्यौहार भैया दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को दीपावली के बाद पूरे देश में आदिकाल से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनके उज्ज्वल भविष्य व उनकी लम्बी उम्र की कामना करती हैं। रक्षा बंधन की तरह ही भैया दूज का भी अपना ही महत्व है। इसे भाई बहन के प्यार और त्याग के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार भाई दूज का त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योकि इसी दिन यमुना ने भाई यमराज के लिए व्रत रखा था। कथा के मुताबिक यमराज इसी दिन यमुना से मिले थे। अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई। यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत खातिरदारी की।

जिससे प्रसन्न होकर यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन भाई-बहन के त्योहार के रूप में भैया दूज का त्योहार मनाया जायेगा। यम ने यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा चली आ रही है।

पूजा करने की विधि:-

  1. भैया दूज के दिन बहनें आसन पर चावल के घोल से चौक बनाएं।
  2. रोली, चांडाल, चावल, घी का दिया, मिष्ठान से थाल सजाएं।
  3. कद्दू के फूल, सुपारी, मुद्रा हाथों पर रख कर धीरे-धीरे हाथों पर पानी छोड़ें।
  4. भाई के माथे पर तिलक लगाएं।
  5. भाई, बहन के लिए कुछ उपहार दें।
  6. भाई की लंबी उम्र की कामना करें।
  7. इसके बाद बहन भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर कलावा बांधे और भाई के मुंह में मिठाई, मिश्री और माखन लगाएं।

भैया दूज 2017 शुभ मुहूर्त

टीका मुहूर्त: 13:19 से 15:36

द्वितीय तिथि प्रारम्भ : 21 अक्टूबर 2017 को 01:37 बजे

द्वितीय तिथि समाप्त : 22 अक्टूबर 2017 को 03:00 बजे

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