राहुल ने मार लिया मैदान, इस दांव से 2019 में कर दिखायेंगे कमाल!

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति में भारतीय जनता पार्टी एक के बाद एक नया अध्याय लिखती जा रही है। इस कड़ी में अगर हाल ही में हुए राज्यों के विधानसभा चुनाव पर नज़र डालें तो भाजपा के सामने कांग्रेस कहीं भी टिकती नज़र नहीं आ रही है।

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लेकिन गुजरात चुनाव ने जरुर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए संजीवनी का काम किया है। क्या इस बढ़ें मनोबल से राहुल अपनी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव जिताने में कामयाब होंगे या नहीं। सियासी गलियारों में यह सबसे प्रश्न बना हुआ है।

दरअसल, एक टीवी चैनल द्वारा कराए गए सर्वे के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं, तो सत्ताधारी पार्टी एनडीए अलाइंस को बढ़त मिलती दिख रही है।

सर्वे के मुताबिक 2019 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की एक बार फिर से सरकार बनने जा रही है। सर्वे में एनडीए को 309 सीटें मिलती दिख रही हैं, तो यूपीए का आंकड़ा बमुश्किल 100 के पार जाता दिख रहा है।

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वहीँ एनडीए को 40 फीसदी, यूपीए को 38 फीसदी और अन्य को 22 फीसदी वोट मिलेंगे। हालांकि इससे पहले किए गए सर्वे में NDA को 42 फीसदी वोट मिलने की बात कही गई थी यानी इस बार के सर्वे में एनडीए की लोकप्रियता में दो फीसदी की गिरावट आई है।

राहुल की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल

गुजरात चुनाव के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इस दौरान नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की लोकप्रियता का अंतर 24 फीसदी कम हुआ है।

वहीँ सर्वे में यह बात भी सामने आई कि मुस्लिम बहुल इलाकों और दक्षिण भारत में आज भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ही सबसे लोकप्रिय नेता हैं।

क्या विजय रथ को रोकने में कामयाब होंगे राहुल गांधी?

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कराए गये सर्वे के मुताबिक राहुल गांधी के लिए उम्मीद की एक किरण दिखाई दे रही है। लेकिन इसके लिए राहुल को विपक्षी एकता बनाने में कामयाब हासिल करनी होगी। इसके बाद ही वो मोदी की अगुवाई में एनडीए को जादुई आंकड़े से दूर रख सकते हैं।

विपक्षी एकता बन सकता है NDA के राह का रोड़ा

अगर राहुल गांधी ने विपक्ष यानी बीएसपी, सपा और टीएमसी को साध लिया, तो यूपीए के खाते में 38 फीसदी वोट आ जाएंगे। यानी NDA और UPA के बीच वोट का अंतर महज दो फीसदी ही रह जाएगा।

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इसी तरह अगर कांग्रेस के साथ टीएमसी, बीएसपी और सपा आ जाएं, तो यूपी के खाते में 202 सीटें आ सकती हैं, जबकि एनडीए के खाते में महज 258 सीटें और अन्य के खाते में 83 सीटें आएंगी। और 258 सीटें लेकर भी एनडीए जादुई आंकड़े से दूर रह जाएगा।

बता दें कि 543 सीटों वाली लोकसभा में बहुमत के लिए जादुई आंकड़ा 272 का है।

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