
सुल्तानपुर जेल में तैनात एक जेलर को मऊ से पांच बार के विधायक मुख्तार अंसारी को विशेष सुविधाएं प्रदान करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। बता दें की मुख्तार अंसारी पर कई मुक़दमे दर्ज हैं।

यह कार्रवाई डीआइजी (जेल), प्रयागराज जोन द्वारा सरकार को सौंपी गई एक रिपोर्ट के बाद हुई, जिसमें जून 2022 से पहले बांदा जेल में रहते हुए अंसारी की अवैध गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा की कथित संलिप्तता का विवरण दिया गया था। डीजी (यूपी जेल) एसएन साबत ने पुष्टि की कि वर्मा को बांदा जेल में तैनाती के दौरान कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिसंवेदनशील बांदा जेल के कुछ कैदियों की मदद करने में प्रारंभिक तौर पर संलिप्तता की पुष्टि होने के बाद जेलर को निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच डीआइजी (जेल), प्रयागराज रेंज द्वारा की गई और रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई।
महानिदेशक ने कहा, अधीक्षक अनिल गौतम, जो लखनऊ में जेल मुख्यालय में तैनात थे, को वर्मा के निलंबन के बाद तुरंत सुल्तानपुर जेल का प्रभार संभालने के लिए भेजा गया था। एक अन्य जेल अधिकारी ने कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि वर्मा मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों की बैठकों की व्यवस्था करने में मदद करते थे। उन्होंने बताया कि इससे पहले जून 2022 में बांदा के एक डिप्टी जेलर और चार जेल वार्डरों को भी इन्हीं आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया था।