
बलिया जिले में बिजली निगम के अधीक्षण अभियंता लाल सिंह को जूते से पीटने के मामले में भाजपा कार्यकर्ता भैया मुन्ना बहादुर सिंह सहित दो आरोपियों को कोर्ट ने जेल भेज दिया। रविवार को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर चालान कराया, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें मऊ जेल भेज दिया।

समर्थकों ने आरोपी मुन्ना बहादुर की रिहाई की मांग को लेकर हंगामा किया, जिसमें नारेबाजी और धरना शामिल रहा। सुरक्षा के मद्देनजर कोतवाली में तीन थानों की फोर्स और पीएससी के जवान तैनात रहे। एएसपी सीओ सिटी श्यामकांत भी मौके पर मुस्तैद रहे।
घटना शनिवार को सागरपाली क्षेत्र में बिजली कटौती और फॉल्ट मरम्मत में देरी से नाराज भाजपा कार्यकर्ता मुन्ना बहादुर सिंह द्वारा अधीक्षण अभियंता लाल सिंह के कार्यालय में की गई। विवाद के दौरान मुन्ना ने समर्थकों के साथ मिलकर लाल सिंह की जूते से पिटाई कर दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। एसई लाल सिंह की तहरीर पर पुलिस ने मुन्ना बहादुर पर नामजद और 25 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया। पिटाई के समय कार्यालय में मौजूद बघेजी निवासी उपेंद्र पांडेय को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि उपेंद्र को रात करीब 11 बजे उनके घर से पूछताछ के लिए ले जाया गया था। पूछताछ के बाद उन्हें सोने जाने को कहा, लेकिन उन्होंने रात में पुलिस के आने का विरोध करते हुए दुर्व्यवहार किया और नारेबाजी की, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोतवाली ले जाया गया। इसकी वीडियो उनके परिजनों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
गिरफ्तारी के बाद समर्थकों का हंगामा बढ़ गया। नपा सभासद अमित दुबे और सर्वेश पांडेय सहित सैकड़ों समर्थक एसई पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर कोतवाली गेट पर धरने पर बैठ गए। कोतवाल राकेश कुमार सिंह ने समझा-बुझाकर धरना समाप्त करवाया। जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के दौरान किसी जवान द्वारा धक्का-मुक्की से नाराज मुन्ना बहादुर ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और साथ जाने से इनकार कर दिया।
कोतवाल ने किसी तरह उन्हें मनाकर कोर्ट ले जाया। कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने दोनों को मऊ जेल भेजने के लिए पुलिस लाइन ले जाया, लेकिन समर्थकों की भीड़ देखकर चोरी-छिपे पूरब वाले रास्ते से जेल पहुंचाया। दोनों की रिहाई के लिए युवा नेता और समर्थक कोतवाली से लेकर अस्पताल, कचहरी और पुलिस लाइन तक मौजूद रहे।