बहराइच: जानवर के हमले में तीन बच्चों सहित चार लोग घायल, ग्रामीणों ने लगाए ये बड़ा आरोप
कतर्नियाघाट के एक अधिकारी ने दो तेंदुओं के हमलों की पुष्टि की है, हालांकि बहराइच वन प्रभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि सियार या कुत्ते इसमें शामिल हो सकते हैं। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि भेड़ियों ने हमला किया था।
कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य और बहराइच वन प्रभाग के विभिन्न हिस्सों में गुरुवार शाम से देर रात तक मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप तीन बच्चों सहित चार लोग घायल हो गए। कतर्नियाघाट के एक अधिकारी ने दो तेंदुओं के हमलों की पुष्टि की है, हालांकि बहराइच वन प्रभाग के अधिकारियों ने अनुमान लगाया है कि सियार या कुत्ते इसमें शामिल हो सकते हैं। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि हमला भेड़ियों ने किया था।कतर्नियाघाट के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) बी शिवशंकर ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पहली घटना कतर्नियाघाट रेंज के हरखापुर गांव में हुई। यहां मधुसूदन (35) नामक किसान पर खेत में अकेले काम करते समय तेंदुए ने हमला कर दिया। शिवशंकर ने कहा, “उनके गले में चोटें आईं और पहले उन्हें स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर बहराइच मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।”
दूसरी घटना सुजौली रेंज के अयोध्या पुरवा गांव में हुई। एक अधिकारी के अनुसार, एक तेंदुए ने 13 वर्षीय साहिबा पर उस समय हमला किया जब वह अपने घर के आंगन में सो रही थी। अधिकारी ने बताया कि जब उसके परिवार और पड़ोसियों को शोरगुल की जानकारी हुई तो तेंदुआ खेतों में भाग गया। अधिकारी के अनुसार, साहिबा की गर्दन में गंभीर चोटें आईं थीं और उसे अतिरिक्त देखभाल के लिए लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर भेज दिया गया। शिवशंकर के अनुसार, दोनों घायलों की हालत स्थिर है और विभाग ने उनकी चिकित्सा देखभाल का खर्च उठा लिया है। उन्होंने जंगल के पास रहने वाले स्थानीय लोगों को सावधान किया।
बहराइच वन प्रभाग के भेड़िया प्रभावित क्षेत्र में मानव और पशुओं के बीच संघर्ष की दो घटनाएं सामने आईं। स्थानीय लोगों के अनुसार, तीन दिन पहले छह महीने के अरूश पर तब हमला हुआ जब उसकी माँ फूलमती उसे देर रात घूमनी गांव में उसकी नानी के घर पर दूध पिला रही थी। उन्होंने दावा किया कि एक जंगली जानवर ने बच्चे को खींचने की कोशिश की, लेकिन स्थानीय लोगों ने समय रहते हस्तक्षेप किया, जिससे जानवर भाग गया।