बाबा रामदेव भी नहीं करते ये वाला योग, जान लोगे तो फैन हो जाओगे
रिपोर्ट- राजन गुप्ता
मिर्जापुर। योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है। मान्यता है कि भगवान शिव योग विद्या के प्रथम गुरु आदियोगी हैं। हजारों वर्ष पूर्व हिमालय के कांति सरोवर झील के किनारे आदियोगी ने योग का गूढ़ ज्ञान पौराणिक सप्तर्षियों को दिया था। बाद में इन्हीं सप्तर्षियों ने इस योग को पूरे विश्व में फैलाया।
योग हमारी जीवनशैली में परिवर्तन ला कर हमारे अंदर जागरूकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक परिवर्तनों से शरीर को होने वाले बदलाव को सहन करने में सहायक होता है। नियमित योगाभ्यास करने से आदमी को कभी भी दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ती और वह आजीवन स्वस्थ रहता है। योग की महत्ता को देखते हुए ही 21 जून का दिन पूरे विश्व में योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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मिर्जापुर में गंगा की रेती में चल रही योगा की क्लास इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुआ है। रेत मे योगा कराने वाले योग गुरु ने बताया कि योगऋषिओं ने नदी और सागर के किनारे की जगह को योगा के लिए अति उत्तम बताया है। अगर कोई रेत में योगा करता है तो उसे बहुत ही जल्द इसका लाभ प्राप्त होता है इसलिए हम यहां पर लोगों को रेत में योगा करा रहे हैं । योगा करने वाले व्यक्ति आंतरिक दरिद्रता से मुक्त होता है उसे तनाव, व्याधि और रोग से मुक्ति मिल जाती है यानी कि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ होता है।