भारतीय सेना को बड़ी मजबूती: तीन और AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल, जोधपुर स्क्वॉड्रन अब पूरी तरह तैयार

भारतीय सेना को बड़ा बढ़ावा मिला है। 16 दिसंबर 2025 को अमेरिका से अंतिम तीन AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर पहुंचे, जिससे सेना की कुल छह हेलीकॉप्टर की फ्लीट पूरी हो गई।

ये हेलीकॉप्टर राजस्थान के जोधपुर स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वॉड्रन में तैनात होंगे। इससे सेना की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमता में भारी इजाफा होगा, खासकर संवेदनशील सीमाओं पर।

पहले सेना के पास सिर्फ तीन अपाचे थे, जो जुलाई 2025 में आए थे। अब छह के साथ सेना खतरे पर तेजी से प्रतिक्रिया दे सकेगी, जमीनी सैनिकों को क्लोज एयर सपोर्ट मुहैया कराएगी और सटीक हमले कर सकेगी। इससे युद्धक्षेत्र में तैयारियां मजबूत होंगी।

AH-64E अपाचे को “फ्लाइंग टैंक” कहा जाता है। यह दुनिया के सबसे एडवांस्ड अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक है। इसमें हेलफायर मिसाइलें, 70 एमएम रॉकेट्स और 30 एमएम चेन गन लगी हैं, जो दुश्मन के टैंक, बंकर और एयर डिफेंस सिस्टम को आसानी से नष्ट कर सकती हैं। इसके एडवांस्ड सेंसर्स और रडार दिन-रात, कोहरे या खराब मौसम में भी ऑपरेशन करने की क्षमता देते हैं।

भारत के लिए अपाचे खासतौर पर उपयोगी हैं क्योंकि ये रेगिस्तान, मैदानी इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। पावरफुल इंजन और मॉडर्न रोटर ब्लेड्स की वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में भी ये बेहतरीन हैं। ये ग्राउंड ट्रूप्स, ड्रोन्स और अन्य एयरक्राफ्ट के साथ रियल-टाइम डेटा शेयर कर सकते हैं, जिससे तेज ऑपरेशंस में बेहतर कोऑर्डिनेशन होता है।

भारतीय सेना में अपाचे का सीधे शामिल होना (वायुसेना के अलग से) सैन्य रणनीति में बड़ा बदलाव है। इससे सेना को अपने अटैक हेलीकॉप्टर पर पूरा कंट्रोल मिलेगा, फैसले तेज होंगे और जमीनी बलों को तुरंत सपोर्ट मिलेगा। इन्फैंट्री, आर्मर यूनिट्स और एविएशन एसेट्स के बीच तालमेल बेहतर होगा।

विकसित सुरक्षा चुनौतियों के बीच अपाचे का आगमन भारत की आधुनिकीकरण और तैयारियों पर फोकस को दर्शाता है।

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