अवध विवि की बड़ी लापरवाही, राज्यपाल से दूसरी लड़की को दिलवा दिया टॉपर का मेडल!

लखनऊ। विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। वर्ष 2017 के बीसीए पाठ्यक्रम में यूनिवर्सिटी टॉप करने वाली एमएलके महाविद्यालय की असिता सिंह का नाम सूची से गायब कर दिया गया। जबकि गोंडा के मीनाशाह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की छात्र कहकशां को टॉपर घोषित कर राज्यपाल राम नाइक से गोल्ड मेडल दिला दिया गया। अपने हक व सम्मान से वंचित असिता कुंठा से ग्रसित है। पिता राजेश कुमार सिंह बेटी को उसका हक दिलाने के लिए कॉलेज व विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहा है।

अवध विश्वविद्यालय

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नगर के गोविंद बाग निवासी राजेश सिंह की पुत्री असिता सिंह ने वर्ष 2017 में एमएलके महाविद्यालय से बीसीए पाठ्यक्रम में 3600 में 2783 अंक प्राप्त किए थे। पांच नवंबर को दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रामनाइक ने यूनवर्सिटी में सर्वोच्च अंक पाने वाले मेधावियों को गोल्ड मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। जिसमें बीसीए पाठ्यक्रम के लिए अवध विश्वविद्यालय ने गोंडा के एमएसआइटी की छात्र कहकशा को टॉपर घोषित किया था। कहकशा को 3600 में 2780 अंक ही मिले हैं। इस तरह असिता तीन अंक से आगे होने के बावजूद इस सम्मान से वंचित रह गई। एमएलके प्राचार्य डॉ. आरबी श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया है।

शुरू से टॉपर रही है असिता

असिता सिंह ने वर्ष 2014 में बीसीए पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। तब से चार सेमेस्टर में वह यूनिवर्सिटी की टॉपर रही। पांचवें सेमेस्टर में वह दूसरे पायदान पर आ गई थी लेकिन छठवें सेमेस्टर में उसने सुधार करते हुए शीर्ष स्थान पुन: प्राप्त कर लिया।

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उठ रहे सवाल

एमएलके महाविद्यालय 2015 से सिद्धार्थ विवि कपिलवस्तु से संबद्ध कर दिया गया है। वर्ष 2014 के नामांकित छात्रों को अवध विश्वविद्यालय की ही डिग्री दी जाती है। अविवि से वर्ष 2016 में बीसीए पाठ्यक्रम के लिए एमएलके कॉलेज के साल्विन त्रिपाठी को यूनिवर्सिटी टॉपर होने का गौरव हासिल हुआ। जिसे दीक्षांत समारोह में सम्मानित भी किया गया। वहीं 2017 की के टॉपर की सूची में हुई इस गड़बड़ी से विवि प्रशासन की कार्यशैली सवालों के घेरे में आ गई है।

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