वीरभद्र ने दाखिल किया नामांकन, धूमल सोमवार को करेंगे

विधानसभा चुनावशिमला। कांग्रेस नेता और छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने 9 नवम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस बार वह नई सीट अरकी से चुनाव लड़ेंगे। अपनी परंपरागत सीट उन्होंने अपने बेटे के लिए छोड़ दी है। भारतीय जनता पार्टी के दो बार मुख्यमंत्री रहे प्रेम कुमार धूमल भी इस बार नई सीट सुजानपुर से चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ने कहा कि वह सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे।

वीरभद्र सिंह नामांकन दाखिल करने के लिए पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य सिंह के साथ पहुंचे।

वीरभद्र सिंह सोलन जिले की अरकी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत हासिल की थी।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए गए 83 वर्षीय वीरभद्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के युवा उम्मीदवार रतन सिंह पाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक गोविंद राम की जगह पाल को टिकट दिया है।

पार्टी नेताओं का कहना है कि वीरभद्र सिंह ने अपनी शिमला (ग्रामीण) की सीट बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए छोड़ दी है। इस सीट पर वीरभद्र ने 2012 में 19,073 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी।

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विक्रमादित्य वर्तमान में राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और उनके पिता ने पहले ही घोषित कर दिया था कि उनका बेटा शिमला (ग्रामीण) से अगला चुनाव लड़ेगा।

भाजपा ने शिमला (ग्रामीण) से प्रमोद शर्मा को मैदान में उतारा है, जो कभी पहले वीरभद्र सिंह के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाते थे।

कांग्रेस ने बुधवार को 59 उम्मीदवारों के साथ अपनी पहली सूची जारी कर दी।

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साल 2012 में हिमाचल की 68 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 73.92 प्रतिशत मतदान हुआ था। कांग्रेस के 36, भाजपा के 26 सदस्य और छह निर्दलीय निर्वाचित हुए थे।

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की सभी चार सीटों को 53.85 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ जीता था। उस समय, राज्य में कांग्रेस को 41.07 प्रतिशत वोट मिले थे।

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