आश्रम कांड: रूम नंबर 101 में रात 3 बजे छिपा था स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती, दिल्ली पुलिस ने आगरा से किया गिरफ्तार

दिल्ली के वसंतकुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च में 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी को दिल्ली पुलिस ने 28 सितंबर 2025 की देर रात आगरा के ताजगंज क्षेत्र में एक होटल के कमरे नंबर 101 से गिरफ्तार कर लिया।

यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया जब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की छात्राओं ने स्वामी पर छेड़छाड़, अश्लील मैसेज भेजने और शारीरिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए। दिल्ली पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी कर कई राज्यों में छापेमारी की थी, और आखिरकार शनिवार रात करीब 3:30 बजे फतेहाबाद रोड पर होटल फर्स्ट से उसे हिरासत में लिया गया।

गिरफ्तारी की कहानी:
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को स्वामी की लोकेशन आगरा में ट्रेस हुई थी। शनिवार शाम को वह ताजगंज के होटल फर्स्ट में “स्वामी पार्थसारथी” के नाम से ठहरा था। होटल कर्मचारी भरत के अनुसार, सादा कपड़ों में दो पुलिस अधिकारी रात 3 बजे होटल पहुंचे, रजिस्टर चेक किया, और सीधे कमरे नंबर 101 में गए। वहां 15 मिनट तक पूछताछ के बाद स्वामी को उनके सामान सहित दिल्ली ले जाया गया। होटल स्टाफ ने बताया कि स्वामी ने रात में रेस्टोरेंट से खाना मंगवाया था और कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखाई थी। स्थानीय ताजगंज पुलिस को इस कार्रवाई की जानकारी नहीं थी, जैसा कि थाना प्रभारी जसवीर सिंह सिरोही ने पुष्टि की।

आरोपों का विवरण:
श्री शारदा इंस्टीट्यूट में PGDM कोर्स कर रही 17 छात्राओं ने स्वामी पर अश्लील मैसेज भेजने, अनुचित शारीरिक स्पर्श, और धमकियां देने के आरोप लगाए। छात्राओं का कहना है कि स्वामी उन्हें देर रात अपने कमरे में बुलाता था, विदेश यात्रा और स्कॉलरशिप का लालच देता था, और विरोध करने पर फेल करने या डिग्री रोकने की धमकी देता था। एक छात्रा ने 2016 की FIR में बताया कि आठ महीने संस्थान में रहना उसकी जिंदगी का सबसे खराब दौर था, जहां स्वामी ने उसे “स्वीट गर्ल” कहकर अश्लील मैसेज भेजे और मथुरा ले जाने की कोशिश की, जिसके बाद वह हॉस्टल छोड़कर भाग गई।

संस्थान में “टॉर्चर चैंबर” और लेडी गैंग:
जांच में खुलासा हुआ कि स्वामी ने अपने ग्राउंड फ्लोर ऑफिस को “टॉर्चर चैंबर” की तरह इस्तेमाल किया, जहां EWS छात्राओं का शोषण होता था। उनके दस्तावेज जब्त कर लिए जाते थे ताकि वे शिकायत न कर सकें। संस्थान की तीन महिला कर्मचारी, जिनमें एक एसोसिएट डीन शामिल है, स्वामी की मदद करती थीं। ये महिलाएं छात्राओं पर दबाव बनाती थीं और उनके फोन से आपत्तिजनक चैट डिलीट करवाती थीं। हॉस्टल में गुप्त कैमरे भी लगे थे, जिनका एक्सेस स्वामी के पास था।

स्वामी की पृष्ठभूमि और आपराधिक इतिहास:
ओडिशा के रहने वाले 62 वर्षीय स्वामी चैतन्यानंद, जो पहले डॉ. पार्थसारथी के नाम से जाना जाता था, शिकागो बूथ यूनिवर्सिटी से MBA और PhD धारक हैं। वह 12 साल से आश्रम में केयरटेकर और निदेशक थे। उनके खिलाफ 2009 और 2016 में डिफेंस कॉलोनी और वसंतकुंज में यौन शोषण के मामले दर्ज हो चुके हैं। स्वामी ने फर्जी UN नंबर प्लेट वाली लग्जरी कार और दो पासपोर्ट का इस्तेमाल किया, और संस्थान की 300 करोड़ की संपत्ति हड़पने की कोशिश की। पुलिस ने उनके 18 बैंक खातों और 28 FD में जमा 18 करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं।

पुलिस और संस्थान की कार्रवाई:
4 अगस्त को श्री शारदा पीठ के प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत पर वसंतकुंज नॉर्थ थाने में BNS की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), 79 (छेड़छाड़), और 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत FIR दर्ज की गई। 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए, जिनमें 17 ने सीधे आरोप लगाए। स्वामी की अग्रिम जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी थी। संस्थान ने स्वामी को पद से हटा दिया और सभी संबंध तोड़ लिए। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लिया और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।

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