विवेकाधिकार का इस्तेमाल निष्पक्ष तरीके से करें जांच एजेंसियां : अरुण जेटली

अरुण जेटलीनई दिल्ली| वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को जांच एजेंसियों से कहा कि उन्हें अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल एक निष्पक्ष और उचित तरीके से करना चाहिए, ताकि आरोपियों को दोषी ठहराए जाने की दर बेहतर हो सके, और अपराध करने वालों के भीतर भय पैदा हो।

जेटली ने कहा कि जांच एजेंसियां अपराधों को पकड़ने के दौरान अक्सर बहुत बड़े दावे करती हैं, लेकिन जैसे ही जांच और सुनवाई आगे बढ़ती है, उनमें से कई सारे मामले धराशायी हो जाते हैं और कुछ परिणाम हाथ नहीं लगता।

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जेटली ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरई) के अधिकारियों को संस्था के हीरक जयंती समारोह में संबोधित करते हुए कहा, “आर्थिक जांचकर्ता के रूप में भी आपको अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल बहुत कुशलता के साथ करना होगा.. ताकि आपके पास जो अधिकार है, उसका आप निष्पक्षता के साथ इस्तेमाल कर सकें।”

वित्तमंत्री ने कहा कि राजस्व अधिकारियों के अधिकार बहुत व्यापक हैं।

उन्होंने कहा, “राजस्व अधिकारियों के पास मौजूद व्यापक अधिकार के साथ उनके विवेकाधिकार का इस्तेमाल बहुत निष्पक्ष, उचित और फलदायी होना चाहिए। तभी अपराध पकड़े जाने के बाद अभियोजन लंबे समय तक टिक पाएगा।”

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जेटली ने कहा कि सुनवाइयों को तर्कसंगत परिणति तक पहुंचाने में जांच एजेंसियों की सफलता की दर से अपराध करने वालों के भीतर भय पैदा होगा, और वे अपराध करने से बाज आएंगे।

जेटली ने कहा कि आज प्रौद्योगिकी अपराधियों और जांचकर्ताओं दोनों के काम को आसान बना रही है, इसलिए डीआरआई जैसी एजेंसियों के लिए यह जरूरी है कि वह अपने पेशेवर कौशल को हमेशा तरोताजा करती रहे और अपराधियों से वह आगे बनी रहे।

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