प्राचीन से जुड़े किस्सों का यहां आकर होगा अनुभव

अगर आप ऐसी जगह घूमने का मन बना रहे हैं, जहां पर आप प्रकृति के साथ प्राचीन मंदिरों के भी दर्शन कर सके तो आप एक बार अमरकंटक घूमने जरुर जाएं. यह ऊंचे पहाड़ों,घने जंगलों, प्राचीन मंदिरों और नदियों का एक सुंदर शहर है. यह शहर मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में स्थित है. अमरकंटक विंध्य और सतपुड़ा की पर्वत श्रृंखलाओं में समुद्र तट से लगभग 1065 मीटर ऊंचाई पर स्थित है.

प्राचीन

श्री ज्वालेश्वर महादेव मंदिर

अमरकंटक में ही भगवान शिव का मंदिर श्री ज्वालेश्वर महादेव बसा हुआ है.  यहीं से जोहिला नदी का जन्म हुआ है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी. मंदिर के किनारे बने सनसेट प्‍वाइंट पर बड़ी संख्‍या में पयर्टक आते हैं.

कलचुरी काल मंदिर

अमरकंटक में कलचुरी काल मंदिर का निर्माण कालचुरी कर्णदेव ने करवाया था. इस मंदिर को देखने बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आते हैं.

नर्मदाकुंड 

अमरकंटक में नर्मदाकुंड बहुत ही सुंदर और मनोरम जगह है.ऐसा माना जाता है कि शिव और नर्मदा यहा निवास करते थे. इस मंदिर के किनारे और भी मंदिर बसे हुए हैं जैसे श्री रामजानकी मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर,सिद्धेश्वर महादेव मंदिर आदि बसे हुए हैं.

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सोनमुदा

सोन नदी का जन्म जहां हुआ है,वहां के जल में हल्की-फुल्की कुलबुलाहट पर्यटकों को बहुत भाती है. सोनमुदा नर्मदाकुंड से 1.5 किमी की दूरी पर मैकाल पहाड़ियों के किनारे बसा हुआ है. सुनहरी रेत के कारण ही इसे सोनमुदा कहते हैं.

कपिलधारा

अमरकंटक का कपिलधारा झरना बहुत सुंदर है.घने जंगलों, पर्वतों के बीच से यह झरना करीब 100 फीट की उंचाई से गिरता है.यह जगह पर्यटकों को काफी लुभाता है.

माई की बगिया

माई की बगिया देखने में बहुत ही खूबसूरत लगती है. यहां पर बहनेवाला दूधधारा झरना काफी मशहूर है. इसके अलावा यहां पर गर्म जल वाला धुनी-धुनी झरना भी बहता है. जिसमे नहाने से सारे रोग दूर हो जाते हैं.

 

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