‘महिलाएं आनंद की वस्तु’ पर हाईकोर्ट ने जताई नराजगी, बढ़ती इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए मजबूत ढांचा तैयार करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट(Allahabad High Court) ने कहा है कि शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकार एक स्पष्ट और मजबूत कानूनी ढांचा तैयार करे। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘महिलाएं आनंद की वस्तु हैं’ इस पुरुष वर्चस्व वादी मानसिकता से सख्ती से निपटने की जरूरत है। यह जरूरी है जिससे महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा हो और लैंगिक असमानता को दूर करने के संवैधानिक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म से महिलाओं के जीवन और मस्तिष्ट पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्हें गंभीर शारीरिक और मानसिक पीड़ा से होकर गुजरना पड़ता है। शादी का झांसा देकर या झूठा वादा करके यौन संबंध बनाना कानून में दुष्कर्म का अपराध होना चाहिए। यह आजकल चलन सा हो गया है। इसके तहत अपराधी धोखा देने के इरादे से शादी का प्रलोभन देकर यौन संबंध बनाते हैं।

कोर्ट ने कहा कि देश की बहुसंख्यक महिला आबादी में शादी एक बहुत बड़ा प्रलोभन है। इसी के चलते महिलाएं आसानी से इन परिस्थितियों का शिकार हो जाती हैं। यह उनके यौन उत्पीड़न का कारण बनता है। लगातार इस तरह के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसका कारण है कि अपराधी समझता है कि वह कानून का फायदा उठाकर दंड से बच जाएगा।

इसी के साथ कोर्ट ने आगे कहा कि विधायिका के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में निपटने के लिए स्पष्ट औऱ विशेष कानूनी ढांचा तैयार करे जहां अपराधी विवाह का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाते हैं।

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