इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा जेल प्रमुख को दिया निर्देश “हत्या के दोषी को दी जाए कुरान और रमजान के दौरान दिन में 5 बार नमाज अदा करने की अनुमति
हत्या के दोषी फरहान अहमद की पत्नी उज्मा आबिद ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उसे नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है और उससे कुरान छीन ली गई है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस सप्ताह इटावा स्थित केन्द्रीय कारागार के जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रमजान के दौरान कैदी की दिन में पांच बार नमाज अदा करने की धार्मिक प्रथा में “हस्तक्षेप” न किया जाए और उसे कुरान अपने पास रखने की “अनुमति” दी जाए।
अदालत ने सोमवार को यह आदेश हत्या के दोषी फरहान अहमद की पत्नी उज्मा आबिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। फरहान जेल के उच्च सुरक्षा वाले खंड में बंद है। आबिद ने आरोप लगाया था कि अहमद को रमजान के महीने में धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार नमाज अदा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है और उससे कुरान भी छीन लिया गया है।
सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत की जेल अधिकारियों द्वारा कानून के अनुसार जांच की जाएगी। अदालत ने कहा “मामले के तथ्यों को देखते हुए, हम इस याचिका का निपटारा इटावा के सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक को निर्देश देते हुए करते हैं कि वह सुनिश्चित करें कि याचिकाकर्ता के पति द्वारा रमज़ान के महीने में पाँच बार नमाज़ अदा करने की धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप न किया जाए और उन्हें कुरान को अपने पास रखने की भी अनुमति दी जाए। हम स्पष्ट कर सकते हैं कि जेल के अंदर कैदियों की सुरक्षा के लिए जो नियमित सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं, वे जारी रहेंगे।”
यह हत्या अतीक और राजू पाल के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का नतीजा थी और इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो ने की थी। पिछले साल लखनऊ की एक सीबीआई अदालत ने इस मामले में अहमद समेत छह लोगों को दोषी ठहराया था।