अखिलेश ने मायावती से खत्म किया बुआ का रिस्ता, बोले- उनके जवाब न देने से दुख हुआ मुझे

उत्तर प्रदेश में 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में गठबंधन देखने को मिला था। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के न चाहने पर भी बेटे अखिलेश बुआ के साथ हाथी पर सवार हुए थे। लेकिन, चुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने बुआ से रिस्ता तोड़ दिया। इसका परिणाम ये रहा कि अखिलेश यादव ने मायावती को जन्मदिन की बधाई तक नहीं दी। वहीं, खबरें ये भी है कि बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच राजनैतिक और अब पारिवारिक रिस्ता भी खत्म हो गया।

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इसकी शुरुआत खुद मायावती ने की है। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां जब साथ आई तो मायावती और अखिलेश यादव में राजनौतिक के साथ पारिवारिक रिस्ता भी बना। मायावती ने खुद कन्नौज से जनसभा को संबोधित कर अखिलेश की पत्नी डिंपल को बहु कहा था और डिंपल ने भी बुआ सास का फर्ज निभाते हुए मायावती के पैर छुए थे।

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बता दें कि मायावती और डिंपल का जन्मदिन एक ही दिन पड़ता है। 2019 में 15 जनवरी को मायावती के जन्मदिन पर डिंपल ने खुद बधाई देते हुए उनके लिए केक और फूल भिजवाए थे। वहीं, मायावती ने भी बहु डिंपल को जन्मदिन की बधाई दी थी।

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वहीं, जब ये गठबंधन टूटा तो अखिलेश यादव ने 2020 में मायावती जन्मदिन पर नपे- तुले शब्दों बधाई दी। लेकिन, मायावती ने अखिलेश को इसका जवाब नहीं दिया था। वहीं, अखिलेश यादव ने बीबीसी के साथ बातचीत में कहा था कि मायावती को बधाई देने के पीछे कोई राजनैतिक कारण नहीं था। लेकिन, मायावती के जवाब न देने पर अखिलेश ने एक प्रण जरूर लिया था कि वह अब कभी मायावती को जन्मदिन की बधाई नहीं देंगे। बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा था कि वह मायावती से केवल राजनैतिक रूप से ही नहीं जुड़े थे बल्कि पारिवारिक तौर पर भी जुड़े थे।

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