
सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को लेकर भारत और रूस के बीच बातचीत देश की राजधानी नई दिल्ली में शुरू हो गई है। रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलई पात्रुशेव और भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच बैठक हो रही है।

इस बैठक से रूस में भारत के राजदूत वेंकटेश वर्मा ने अफगानिस्तान के हालात को लेकर चिंता जताई। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “तालिबान के नियंत्रण के बाद अफ़ग़ानिस्तान के हालात पूरे क्षेत्र के लिए चिंताजनक हैं। खासकर भारत और रूस इनसे ज़्यादा प्रभावित हैं। दोनों को अफ़ग़ानिस्तान में आतंकी गुटों के पनपने, ड्रग ट्रैफ़िकिंग, संगठित अपराध और शरणार्थियों की समस्या बढ़ने की आशंका है।” वर्मा ने कहा कि परेशान करने वाली बात यह भी है कि अब कई हथियारबंद गुटों के पास बेहद उन्नत किस्म के हथियार हैं। उन्होंने कहा कि भारत न तो दोहा बातचीत का हिस्सा था, न ही ट्रोइका प्लस का लेकिन इनके वांछित नतीजे नहीं मिले है। इससे यह भी सबक़ मिला है कि भारत और रूस को अफ़ग़ानिस्तान के मसले पर मिल कर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अब बिल्कुल अलग स्थिति है। सभी विदेशी सैनिक वापस हो चुके हैं और तालिबान का काबुल पर नियंत्रण हो चुका है लेकिन अस्थिरता और अनिश्चितता बरकरार है। अफगानिस्तान की स्थिति पर और तालिबान को मान्यता के मसले पर भारत और रूस बातचीत जारी रखेंगे।