18 की उम्र में कदम रखते ही होंगे ‘देश का भविष्य’ तय करने के हकदार!

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चल रही तैयारियों के बीच केंद्र ने आयोग से मतदाताओं की लिस्ट में जुड़ने वाले नए नामों के बारे में जवाब मांगा है। बता दें केंद्र जानना चाहती हैं कि 18 की उम्र में कदम रखने वाले हर नागरिक का नाम किस तरह से लिस्ट में शामिल किया जाए, जिससे चुनावों में नए मतदाताओं की भागीदारी त्वरित क्रियान्वित हो सके।

जम्मू एवं कश्मीर : विवादित बयान देने पर हसीब द्राबू मंत्रिमंडल से बर्खास्त

मतदाताओं की लिस्ट

यदि चुनाव आयोग इस पर अपनी मुहर लगा देता है, तो युवा नागरिकों के लिए ये कदम खुशखबरी लाएगा। इससे आगामी चुनावों में मतदाताओं की हिस्सेदारी भी कहीं हद तक बढ़ेगी। फिलहाल इस पर चुनाव आयोग विचार कर रहा है।

शादी, पार्टी या हो टूर… रेलवे की ये ‘स्पेशल स्कीम’ सफ़र बना देगी और भी सुहाना

बता दें कि अभी तक यदि कोई नागरिक जो साल की 1 जनवरी को 18 साल कि आयु पूरा कर रहा है। उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज किया जाता है।

आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर आपने एक जनवरी 2018 के बाद 18 साल का आंकड़ा छू  लिया है तो आप उसी साल होने वाले चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं।

दरअसल चुनाव आयोग, केद्र सरकार से पूर्व ही 18 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके युवाओं के लिए अलग वोटिंग कट-ऑफ़ बनाने कि पैरवी करता रहा है। लेकिन कानून मंत्रालय ने अपने सुझाव में एक जनवरी और एक जुलाई- दो कट- ऑफ तारीख ठीक बताया था।

वहीं चुनाव आयोग ने उपयुक्त कानून में संशोधन के लिए विधेयक भी तैयार किया था।

चुनाव आयोग के पदाधिकारियों के मुताबिक केंद्र ने अब यह जांचने का फैसला किया है कि 18 साल की उम्र होते ही क्या व्यक्ति को साल के अंदर ही मतदाता के तौर पर जोड़ा जा सकता है।

देखें वीडियो :-

LIVE TV