वास्तु के अनुसार ड्राइंग रूम में यहां रखें फर्नीचर, नहीं तो आ सकती है सिर-फुटव्वल की नौबत
आजकल लोग इतना परेशान है कि वह फिर से वास्तु की तरफ जा रहे हैं। किसी को आर्थिक दिक्कत है तो किसी को और कोई परेशानियां हैं। लेकिन हर व्यक्ति किसी ना किसी समस्या से जूझ ही रहा है। इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए आज लोग फिर से वास्तु की तरफ रुख करते नजर आ रहे हैं। आज हम आपको वास्तु के कुछ खास नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।
ड्राइंग रूम आपके घर का सबसे आर्कषित स्थान होता है। जिसको अगर आप वास्तु के अनुसार बनाएं तो आपको अनेक फायदे हो सकते हैं। इसकी साज-सज्जा और रखरखाव का सीधा असर आपके दिमाग पर सीधा पड़ता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपने घर के ड्राइंग रूम के रखरखाव की ओर विशेष ध्यान दें।
वास्तु के अनुसार ड्राइंग रूम के रंग को विशेष महत्व दिया गया है। ड्राइंग रूम में सफेद, स्लेटी, या क्रीम रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए।
अगर आपको अक्वेरियम लगाने का शौक है या कृत्रिम पानी के फव्वारा आदि रखने का मन हो तो उसके लिए उत्तर-पूर्व का कोना उचित माना जाता है। यह घर के वास्तु दोष को दूर करने में मदद करता है।
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ड्राइंग रूम वायव्य कोण यानी पश्चिम-उत्तर कोने पर बना हुआ होना चाहिए।
ड्राइंग रूम के दरवाजे और खिड़कियों के लिए हरे, नीले, सुनहरे, मरून रंग के पर्दे अच्छे होते हैं। पर्दों की डिजाईन यदि लहरदार हो तो और अच्छा है।
वास्तुशास्त्र की दृष्टि से ड्राइंग रूम में मृत-पूर्वजों का चित्र लगाना उचित है। इसे दक्षिणी दीवार लगाना सबसे उत्तम माना गया है। इसे पश्चिम दीवार पर लगाया जा सकता है।
वास्तुशास्त्र की दृष्टि से ड्राइंग रूम में मृत-पूर्वजों का चित्र लगाना उचित है। इसे दक्षिणी दीवार पर लगाना सबसे उत्तम माना गया है। इसे पश्चिमी दीवार पर लगाया जा सकता है।
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घर में ड्राइंग रूम में टी.वी. को दक्षिण-पश्चिम कोने में रखा जाना चाहिए।
इस कमरे में कभी भी भारी वस्तुओं को नहीं रखना चाहिए। अगर कभी आपको भारी सामान रखना भी हो तो उसे दक्षिण- पश्चिम कोने में ही रखें।
इस कमरे में फर्नीचर रखते समय भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इन्हें रखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए बैठते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में हो।