इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक का बड़ा खुलासा- UPA सरकार में ही रुक सकता था PNB घोटाला

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक को हजारों करोड़ की चपत लगाकर फरार हुए नीरव मोदी पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। मामले के उजागर होते ही इस पर सियासी घमासान भी शुरू हो गया। जहां विपक्ष इसका ठीकरा मोदी सरकार के ऊपर फोड़ रहा है। वहीँ सत्ताधारी पार्टी भाजपा इस अवैध लेनदेन को यूपीए सरकार में होने का दावा कर रही है।

इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक

एक बार फिर से इस मसले ने नया मोड़ ले लिया है। दरअसल, इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक दिनेश दुबे ने बहुचर्चित PNB घोटाले में नया खुलासा किया है।

उन्होंने दावा किया है कि साल 2013 में यूपीए सरकार अगर चेत जाती तो आज नीरव मोदी से जुड़ा ये पीएनबी घोटाला नहीं हुआ होता। उनका दावा है कि ये घोटाला यूपीए सरकार से चला आ रहा है, जोकि आज 10 से 50 गुना बढ़ गया है।

पूर्व निदेशक की माने तो देश के बैंकिंग क्षेत्र को हिला देने वाले इस घोटाले की शुरुआत 2013 में इलाहाबाद बैंक की निदेशक मंडल की बैठक में ही हो गई थी। नई दिल्ली में हुई उस बैठक में गीतांजलि ज्वेलर्स के मालिक मेहुल चौकसी को 550 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी गई थी।

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मेहुल चौकसी रिश्ते में घोटालेबाज नीरव मोदी का मामा है। बाद में मामा-भांजे ने मिलकर बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाया। चौकसी को बैंक की हांगकांग शाखा से भुगतान किया गया था।

होटल रेडिसन में 14 सितंबर, 2013 को हुई थी मीटिंग

इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक दिनेश दुबे के मुताबिक नई दिल्ली के होटल रेडिसन में 14 सितंबर, 2013 को इलाहाबाद बैंक के निदेशक मंडल की बैठक हुई। इस बैठक में दुबे भी भारत सरकार की ओर से नियुक्त निदेशक की हैसियत से शामिल हुए थे।

बता दें इस बैठक में दिनेश दुबे ने मेहुल चौकसी को 550 करोड़ लोन देने का विरोध किया। इसके बाद बैंक अधिकारियों को तलब भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद मेहुल चौकसी को बैंक की हांगकांग शाखा से भुगतान कर दिया गया।

बता दें इस बैठक की जानकारी दुबे ने भारतीय रिजर्व बैंक के तत्कालीन डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती और तत्कालीन वित्त सचिव राजीव टकरू को दी थी।

मुझे धमकाने की भी कोशिश की गयी

पूर्व निदेशक दुबे के मुताबिक, केंद्रीय वित्त सचिव और आरबीआइ को इस फैसले की भनक लगते ही हड़कंप मच गया था। उधर, बैंक के अधिकारी मेहुल चौकसी को सैकड़ों करोड़ देकर खुद भी करोड़ों रुपये डकारने में लगे थे, जिसके चलते मामला दब गया।

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गौरतलब है कि जब दुबे ने चौकसी को लोन देने का विरोध किया तो उनपर दवाब बनाने से लेकर उन्हें धमकाने की भी कोशिश की गयी थी।

देखें वीडियो:-

https://youtu.be/nDrIe1IB8v0

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