मूर्खो के साथ मित्रता नहीं रखनी चाहिए उन्हें त्याग देना ही उचित है, क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से वे दो पैरों वाले पशु के सामान हैं, जो अपने धारदार वचनो से वैसे ही हदय को छलनी करता है जैसे अदृश्य काँटा शारीर में घुसकर छलनी करता है। Kush TiwariNovember 24, 2016 - 12:07 am Less than a minute