
नई दिल्ली। भारत के अधिकारियों को जासूस करार देकर उनकी पहचान को सार्वजनिक करके पाकिस्तान ने सभी राजनयिक प्रोटोकॉल को तोड़ दिया है। पाक ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के आठ राजनयिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। और हद तो तब हो गई जब पाक ने बिना किसी सबूत के भारतीय राजनयिकों के नाम और उनकी तस्वीरों को मीडिया में जारी कर दिया।
बता दें कि पाकिस्तान पहले भी अन्य देशों के राजनयिकों के मामले में डिप्लोमैट प्रोटोकॉल तोड़ चुका है। साल 2010 से 2014 के बीच पाकिस्तान अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के तीन स्टेशन चीफ को भी बाहर निकाला चुका है।
अमेरिकी अधिकारी मार्क केल्टन को 2010 में वापस बुला लिया गया था जबकि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईेएसआई ने उनका नाम स्थानीय अखबारों को लीक कर दिया था। यह हरकत लाहौर में हुए एक शूटआउट के मामले में सीआईए ऑपरेटिव रेमंड डेविस की गिरफ्तारी के बाद की गई थी। केल्टन पर कई ड्रोन अटैक करवाने के आरोप भी लगाए गए थे। इसके अलावा, केल्टन ने साल 2011 में ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर नेवी सील के ऑपरेशन की अध्यक्षता भी थी।
खबरों के मुताबिक केल्टन और एक अन्य अमेरिकी अधिकारी को आईएसआई ने जहर देकर मारने का प्रयास भी किया था। जिसके बाद सीआईए ने पाकिस्तानी अधिकारियों को बिना बताए उन्हें जल्दबाजी में वहां से निकाला था।