एसआईआर के दबाव में बीएलओ की आत्महत्या पर भड़कीं ममता: चुनाव आयोग से सवाल- और कितनी जानें जाएंगी?

पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का गुस्सा और भड़क गया है। नादिया जिले के कृष्णनगर में शनिवार को एक और बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) रिंकू तर्फदार ने आत्महत्या कर ली।

51 वर्षीय दिव्यांग महिला शिक्षिका रिंकू ने सुसाइड नोट में एसआईआर के काम के दबाव को जिम्मेदार ठहराते हुए चुनाव आयोग (ईसीआई) को अपनी मौत का दोषी बताया। इस घटना पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईसीआई पर जमकर निशाना साधा और सवाल उठाया कि इस प्रक्रिया के लिए और कितनी जानें जाएंगी।

ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘कृष्णनगर में एक और बीएलओ, दिव्यांग महिला शिक्षिका की आत्महत्या की खबर से गहरा सदमा लगा है। चापरा विधानसभा क्षेत्र के पार्ट नंबर 201 की बीएलओ रिंकू तर्फदार ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट में ईसीआई को जिम्मेदार ठहराया।’ उन्होंने चिंता जताते हुए लिखा, ‘और कितनी जानें जाएंगी? इसके लिए और कितने लोगों को मरना होगा? इस प्रक्रिया के लिए हमें और कितनी लाशें देखनी पड़ेंगी? यह अब वाकई चिंताजनक हो गया है।’ ममता ने ईसीआई को चेतावनी दी कि यह ‘अनियोजित और खतरनाक’ अभियान तुरंत रोक दिया जाए, वरना और जानें जा सकती हैं।

टीएमसी का दावा है कि एसआईआर शुरू होने के बाद से राज्य में 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर बीएलओ शामिल हैं। पार्टी ने ईसीआई पर एक खास राजनीतिक दल के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। वरिष्ठ टीएमसी नेता अरूप बिस्वास ने कहा कि जो काम दो साल में होता है, उसे दो महीने में पूरा करने का दबाव डाला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर बूथ पर 150 से 200 मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए जा रहे हैं और आयोग की वेबसाइट गलतियों से भरी पड़ी है। बिस्वास ने कहा, ‘इन खामियों की वजह से ही लोगों की जान जा रही है।’

वरिष्ठ नेता चंद्रिमा भट्टाचार्य और पार्थ भौमिक के साथ अरूप बिस्वास ने शनिवार को ईसीआई कार्यालय में ज्ञापन सौंपा, जिसमें इन मौतों की जिम्मेदारी लेने और प्रक्रिया रोकने की मांग की गई। भट्टाचार्य ने कहा कि बीएलओ को पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं दिया गया और बिना तैयारी के अनुचित दबाव डाला जा रहा है, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ रही है।

यह घटना इस हफ्ते की दूसरी ऐसी सुसाइड है। इससे पहले 19 नवंबर को जलपाईगुड़ी में शांति मुनी एकका नाम की बीएलओ ने भी एसआईआर के दबाव में कथित तौर पर आत्महत्या की थी।

ममता ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर एसआईआर को ‘अमानवीय’ बताते हुए तुरंत रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पहले तीन साल लगने वाला काम अब दो महीने में पूरा करने से सिस्टम ठप हो गया है।

भाजपा ने टीएमसी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण ऐसा हो रहा है।

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