
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल पर निशाना साधा और 2026 के चुनाव में भाजपा की जीत का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जीत बंगाल में जंगल राज को खत्म करने का रास्ता साफ कर देगी।
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जबरदस्त जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नजरें बंगाल पर टिकाईं। शुक्रवार शाम दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के बाद भाजपा बंगाल में जंगल राज को उखाड़ फेंकेगी।
शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों के अनुसार, एनडीए आसानी से 200 से अधिक सीटें पार कर रहा था, जिससे 243 सीटों वाली विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत सुनिश्चित हो गया। 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें हासिल कीं, जबकि महागठबंधन केवल 35 सीटों पर सिमट गया।
पीएम मोदी ने कहा, “गंगा बिहार से होकर बंगाल पहुंचती है। बिहार ने भी भाजपा की बंगाल में जीत का रास्ता साफ कर दिया है। मैं बंगाल के भाइयों-बहनों को भी बधाई देता हूं। अब आपके साथ मिलकर भाजपा पश्चिम बंगाल से भी जंगल राज उखाड़ फेंकेगी।” यह बात उन्होंने हजारों कार्यकर्ताओं के जोरदार नारों के बीच कही।
पश्चिम बंगाल विधानसभा की 293 सीटों पर 2026 में चुनाव होने हैं, जहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस मुद्दों जैसे महिलाओं की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, बांग्लादेश से घुसपैठ और विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के जरिए मुकाबला करेंगे। एसआईआर का विशेष महत्व है क्योंकि यह अवैध मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटाने का प्रयास है, जो दोनों दलों के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। बिहार में एसआईआर 1.0 सफल रहा, जिसमें करीब 65 लाख फर्जी वोटर हटाए गए। महागठबंधन ने इसका विरोध किया और आरोप लगाया कि यह उनके वोट बैंक को निशाना बना रहा था।
पीएम के बंगाल में जीत के दावे के बाद भाजपा के कई नेता इस संदेश को आगे बढ़ा रहे हैं। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, “बिहार तो बस झांकी है, वेस्ट बंगाल अभी बाकी है।” उन्होंने शुक्रवार सुबह भी ट्वीट कर कहा, “बिहार की जीत हमारी है, अब बंगाली की बारी है।” भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से भी “नेक्स्ट वेस्ट बंगाल” का पोस्ट किया गया।
आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पीएम के शब्दों को दोहराते हुए लिखा, “गंगा बिहार से होकर बंगाल पहुंचती है। बिहार ने भाजपा की बंगाल में जीत का रास्ता साफ कर दिया।”
हालांकि, पीएम मोदी और भाजपा के बंगाल में जीत के दावे पर तृणमूल कांग्रेस ने तीखा जवाब दिया। पार्टी के आधिकारिक हैंडल से एक्स पर छोटा सा पोस्ट आया, “ड्रीम ऑन” और “ब्रिंग इट ऑन।” टीएमसी ने पीएम के दावे को “शुद्ध भ्रम” बताया और कहा कि ममता बनर्जी 2026 में 250 सीटों के साथ सत्ता में लौटेंगी।
पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि मोदी का बिहार से बंगाल में जीत “बहने” का कमेंट बंगाल की राजनीतिक समझ को गलत दर्शाता है। उन्होंने तर्क दिया कि मतदाता भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को लगातार ठुकराते हैं और बंगाल देश के सबसे सुरक्षित राज्यों में से एक है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में हाई-प्रोफाइल अपराधों का जिक्र कर मोदी से “पहले वहां देखने” की सलाह दी।
इधर, तृणमूल सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने कहा कि ममता बनर्जी को इंडिया गठबंधन का चेहरा बनाकर भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देनी चाहिए। उन्होंने बनर्जी को भाजपा की सांप्रदायिक और авторитarian राजनीति के खिलाफ सबसे मजबूत चुनौती बताते हुए 2026 में टीएमसी की स्पष्ट बहुमत की भविष्यवाणी की। उनका मानना है कि बिहार में भाजपा की संगठनात्मक ताकत और कांग्रेस की कमजोरी ने वहां के नतीजे तय किए, लेकिन बंगाल का हाल अलग है।
पीएम का कांग्रेस पर ‘परजीवी’ हमला
विपक्षी दलों पर हमला जारी रखते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को “परजीवी पार्टी” कहा, जो चुनावों में अपने सहयोगियों को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने सहयोगियों को चेतावनी दी कि कांग्रेस से गठबंधन करने से पहले दो बार सोचें।
पीएम ने कहा, “कांग्रेस के सहयोगी भी अब समझने लगे हैं कि कांग्रेस अपनी नकारात्मक राजनीति से सबको डुबो रही है। इसलिए बिहार चुनाव में मैंने कहा था कि कांग्रेस का ‘नामदार’ बिहार चुनाव में तालाब में डुबकी लगाकर खुद और दूसरों को डुबोने का अभ्यास कर रहा है।”
उन्होंने जोड़ा, “मैंने पहले इस मंच से कांग्रेस के सहयोगियों को चेतावनी दी थी। मैंने कहा था कि कांग्रेस एक बोझ है। कांग्रेस एक परजीवी है जो सहयोगियों के वोट बैंक को निगलकर वापसी करना चाहती है।” भाजपा के स्टार प्रचारक ने कांग्रेस को “मुस्लिम लीग-माओवादी कांग्रेस” करार दिया और कहा कि पार्टी का एजेंडा अब इन प्रभावों पर केंद्रित है। उन्होंने आंतरिक असंतोष का जिक्र कर चेतावनी दी कि यह नकारात्मक राजनीति पार्टी में एक बड़ा विभाजन ला सकती है।
पहले चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, नीतीश कुमार की जेडीयू, भाजपा, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी से बने एनडीए ने 200 से अधिक सीटों के साथ भूस्खलन जीत दर्ज की। महागठबंधन आरजेडी, कांग्रेस और अन्य साझेदारों के साथ 30 से कम सीटों पर सिमट गया। यह बिहार में एनडीए का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जिसमें भाजपा पहली बार राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।





