आगरा: पार्वती नदी में बाढ़ का कहर, कैंटर चालक राकेश का शव इतने दिन बाद मिला

आगरा-राजस्थान सीमा पर पार्वती नदी में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। 1 अगस्त को सुबह ताजगंज, आगरा के गोबर चौकी निवासी राकेश (चालक), मुकेश, और रवि, साथ ही बमरौली कटारा निवासी मुकेश, एक कैंटर में सवार होकर मनिया (राजस्थान) कबाड़ लोड करने जा रहे थे।

नदी के कुसेंडा गांव के पास बनी रपट पर तेज बहाव के कारण कैंटर बह गया। इस हादसे में चालक राकेश और मुकेश (गोबर चौकी) की डूबने से मौत हो गई, जबकि रवि को ग्रामीणों ने बचा लिया। राकेश का शव तीसरे दिन, 3 अगस्त 2025 को, घटनास्थल से 25 किमी दूर राजाखेड़ा में पार्वती नदी में मिला।

पुलिस के अनुसार, कैंटर आगरा-ग्वालियर हाईवे के टोल से बचने के लिए कुसेंडा गांव की रपट से होकर मनिया जा रहा था। ग्रामीणों ने तेज बहाव के कारण चालक को रास्ता बदलने की चेतावनी दी थी, लेकिन चालक ने इसे नजरअंदाज किया। बमरौली कटारा निवासी मुकेश रपट से पहले ही कैंटर से उतर गया, जिससे उसकी जान बच गई। नदी में सात फीट ऊंचा पानी बह रहा था, जिसके तेज बहाव में कैंटर डूब गया। रवि ने प्लास्टिक के बोरों के सहारे कूदकर जान बचाई, जिसे ग्रामीणों ने एक टीले पर ले जाकर सुरक्षित निकाला।

रेस्क्यू और शवों की बरामदगी
हादसे की सूचना पर पुलिस, एनडीआरएफ, और स्थानीय गोताखोरों की टीमें मौके पर पहुंची। शनिवार (2 अगस्त) को मुकेश (गोबर चौकी) का शव नदी में झाड़ियों में फंसा मिला। रविवार दोपहर 2 बजे कैंटर बरामद हुआ, जिसका शीशा टूटा था, और शाम 6 बजे राकेश का शव राजाखेड़ा में मिला। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए धौलपुर भेजा गया। कैंटर को भी नदी से निकाला गया। थानाध्यक्ष मनिया ने बताया कि राकेश शीशा तोड़कर बाहर निकला था, लेकिन तेज बहाव में बह गया।

बाढ़ की स्थिति और प्रशासनिक कार्रवाई
पार्वती नदी में राजस्थान के आगई बांध से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर बढ़ा था, जिससे रपट पर पानी तीन फीट ऊपर बह रहा था। आगरा सहित 17 जिलों में बाढ़ ने 402 गांवों को प्रभावित किया है, और पार्वती, यमुना, और गंगा जैसी नदियां खतरे के निशान के करीब हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी और राहत कार्यों के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। इस हादसे ने नदी किनारों पर चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया।

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