
राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की छत ढहने से सात बच्चों की मौत और 28 के घायल होने की दुखद घटना पर कांग्रेस महासचिव और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भजनलाल शर्मा सरकार पर तीखा हमला बोला।

उन्होंने इसे “आपराधिक लापरवाही” करार देते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों के तत्काल इस्तीफे की मांग की। पायलट ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
सचिन पायलट का बयान
26 जुलाई 2025 को सचिन पायलट ने कहा, “झालावाड़ में सात मासूम बच्चों की मौत अत्यंत दर्दनाक है। यह पूरी तरह से सरकार की लापरवाही का नतीजा है। मेरी नजर में यह आपराधिक लापरवाही है। इसकी निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए।” उन्होंने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर निशाना साधते हुए कहा, “आप दो साल से सत्ता में हैं, आपके पास सारे संसाधन और ताकत हैं। फिर भी समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब जब मासूमों की जान चली गई, तो जिम्मेदारी से भागा नहीं जा सकता। दोषियों को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।”
पायलट ने सुझाव दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरे राजस्थान में स्कूल भवनों का व्यापक ऑडिट कराया जाए, ताकि मानसून के बाद जर्जर हो चुके भवनों की पहचान हो सके। उन्होंने जोर देकर कहा, “बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। सरकार को त्वरित और ठोस कदम उठाने होंगे।”
हादसे की पृष्ठभूमि
25 जुलाई को सुबह करीब 7:45 बजे, मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रार्थना सभा के दौरान कक्षा 6 और 7 की छत अचानक ढह गई। इस हादसे में सात बच्चों—पायल (12), प्रियंका (12), हरीश (8), कुंदन (12), कार्तिक (18), सोना भाई (5), और मीना (8)—की मौत हो गई, जबकि 28 बच्चे घायल हुए, जिनमें 9 की हालत गंभीर है। स्कूल की इमारत 1994 में ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई थी और लंबे समय से जर्जर थी। स्थानीय लोगों और बच्चों ने हादसे से पहले छत से मलबा गिरने की शिकायत की थी, लेकिन शिक्षकों ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
सरकारी और प्रशासनिक कार्रवाई
- मुआवजा और सहायता: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मृतक बच्चों के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और एक परिजन को संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की। नए स्कूल भवनों के कक्षा कक्ष मृतक बच्चों के नाम पर रखे जाएंगे।
- जांच और निलंबन: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। स्कूल की प्रिंसिपल मीना गर्ग सहित पांच शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया।
- प्रशासन की लापरवाही: 14 जुलाई 2025 को शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों की सुरक्षा जांच के आदेश दिए थे, लेकिन स्थानीय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (CBEO) ने इस स्कूल को सुरक्षित बताया था, जो जांच में गलत साबित हुआ। अब संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
- राहुल गांधी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हादसे को “बेहद दुखद और शर्मनाक” बताया और सरकार पर जर्जर स्कूलों की शिकायतों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने राहत और बचाव कार्य में सहायता की अपील की।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पीएम ने हादसे को “हृदयविदारक” करार दिया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
- अशोक गहलोत: पूर्व सीएम ने हादसे को दुखद बताया और घायलों के लिए प्रार्थना की।
- वसुंधरा राजे: पूर्व सीएम ने कहा कि यदि स्कूल को पहले चिह्नित किया गया होता, तो हादसा टाला जा सकता था।
सचिन पायलट की मांग और अन्य नेताओं के बयानों ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल भवनों का नियमित ऑडिट और मरम्मत जरूरी है। मानसून से पहले सुरक्षा जांच को और सख्त करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।