भारत की 16वीं जनगणना 2027: डिजिटल मोबाइल एप से होगी गणना, 16 भाषाओं में सुविधा, पहली बार जातिगत आंकड़े

केंद्र सरकार ने 16 जून 2025 को राजपत्र अधिसूचना जारी कर 2027 में होने वाली भारत की 16वीं जनगणना की घोषणा की। यह जनगणना पूरी तरह डिजिटल होगी, जिसमें 16 भाषाओं में मोबाइल एप के माध्यम से डेटा एकत्र किया जाएगा। यह स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी, जो 2011 के बाद 16 साल के अंतराल पर होगी। इस बार पहली बार जातिगत गणना भी शामिल होगी।

जनगणना दो चरणों में होगी। पहला चरण, हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन, 2026 में शुरू होगा, जिसमें मकानों की स्थिति, सुविधाएं और संपत्ति का विवरण दर्ज किया जाएगा। दूसरा चरण, जनसंख्या गणना, फरवरी 2027 में होगा, जिसमें नाम, आयु, लिंग, शिक्षा, व्यवसाय, भाषा, वैवाहिक स्थिति और जाति जैसे व्यक्तिगत विवरण शामिल होंगे। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में गणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी, जबकि बाकी देश में 1 मार्च 2027 से। संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027 (00:00 बजे) होगी।

इस जनगणना में 34 लाख गणक और सुपरवाइजर, 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी डिजिटल उपकरणों और मोबाइल एप के जरिए काम करेंगे। एप 16 भाषाओं, जैसे हिंदी, अंग्रेजी और 14 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। नागरिक स्व-गणना की सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। डेटा सुरक्षा के लिए संग्रह, संचरण और भंडारण के दौरान कड़े प्रोटोकॉल अपनाए जाएंगे। इंटेलिजेंट कैरेक्टर रिकग्निशन और कोड डायरेक्ट्रीज से डेटा प्रोसेसिंग तेज और सटीक होगी।

1931 के बाद पहली बार राष्ट्रीय जनगणना में जाति का डेटा दर्ज होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की गणना के लिए अलग ड्रॉपबॉक्स होगा। 2011 की जनगणना में डेटा प्रकाशन में दो साल लगे थे, लेकिन 2027 में डिजिटल तकनीक से लिंग, आयु, जाति, व्यवसाय जैसे विस्तृत डेटा दिसंबर 2027 तक, यानी 9 महीनों में, जारी होने की उम्मीद है।

यह जनगणना 2029 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के परिसीमन का आधार बनेगी। जातिगत डेटा सामाजिक न्याय और कल्याण योजनाओं को बेहतर बनाने में सहायक होगा। डिजिटल प्रक्रिया से मैनुअल त्रुटियां कम होंगी, और सेंन्सस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल प्रक्रिया को सुचारु बनाएगा।

पिछली जनगणना (2011) में सामाजिक-आर्थिक और जातिगत स्थिति का आकलन हुआ था, लेकिन असंरचित जवाबों से लाखों जाति/उपजाति श्रेणियां बन गई थीं। 2027 में, सरकार राज्यों की OBC सूची के आधार पर गणना करेगी। 2021 की जनगणना कोविड-19 के कारण स्थगित हो गई थी।

15 जून 2025 को गृह मंत्री अमित शाह ने तैयारियों की समीक्षा की और कहा, “यह ऐतिहासिक जनगणना होगी, जिसमें 35 लाख से अधिक कर्मी डिजिटल उपकरणों के साथ काम करेंगे।”

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