भारत-नेपाल सीमा पर बहराइच में पकड़ा गया संदिग्ध, पूछताछ में लिया पाकिस्तान का नाम

बहराइच जिले में भारत-नेपाल सीमा पर शुक्रवार, 23 मई 2025 की रात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया। मोतीपुर क्षेत्र के सुजौली थाना अंतर्गत रामपुरवा गांव के पास सीमा स्तंभ संख्या 76 पर गश्त के दौरान एसएसबी की 42वीं वाहिनी ने इस व्यक्ति को संदिग्ध गतिविधियों के कारण पकड़ा। पूछताछ में संदिग्ध ने पाकिस्तान का नाम लिया, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में किसी बड़ी साजिश की आशंका बढ़ गई है।

एसएसबी जवानों ने बताया कि संदिग्ध, जिसकी उम्र लगभग 45 वर्ष है, बिना किसी ठोस कारण के सीमा क्षेत्र में घूम रहा था। जब उससे उसका पता और सीमा पर मौजूदगी का कारण पूछा गया, तो उसने असामान्य भाषा में जवाब दिया, जो स्थानीय निवासियों की बोली से भिन्न थी और शुरू में समझ में नहीं आई। उसकी संकोची और असहज हरकतों ने शक को और गहरा कर दिया।

पूछताछ के दौरान उसने पाकिस्तान से संबंध होने की बात कही, जिसके बाद उसे तुरंत हिरासत में लिया गया। संदिग्ध को सुजौली पुलिस को सौंप दिया गया, जिसने उसे मेडिकल जांच के लिए बहराइच मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। प्रारंभिक जांच में उस पर घुसपैठिए होने की आशंका जताई जा रही है, और उससे गहन पूछताछ जारी है।

सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा

पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) और भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (7 मई 2025) के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच नेपाल के रास्ते घुसपैठ की आशंकाएं बढ़ गई हैं। खुफिया सूचनाओं के अनुसार, करीब 37 संदिग्ध, जिनमें 25-27 पाकिस्तानी और 10-12 बांग्लादेशी नागरिक शामिल हैं, नेपाल पहुंच चुके हैं और बहराइच की खुली सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।

इसके चलते भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, और महाराजगंज से पीलीभीत तक के सीमावर्ती क्षेत्रों में 1,500 अतिरिक्त एसएसबी जवान और 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। एसएसबी की 42वीं वाहिनी के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने बताया कि नेपाल से सटे जंगलों में व्यापक कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है, और प्रत्येक व्यक्ति की गहन जांच की जा रही है। ड्रोन और स्कैनर बैगेज की मदद से नो-मेन्स लैंड और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है।

ऑपरेशन सिंदूर और घुसपैठ की आशंका

पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, के जवाब में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके बाद पाकिस्तान ने 10 मई को संघर्षविराम की घोषणा की, लेकिन खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि पाकिस्तान अब नेपाल के रास्ते बांग्लादेशी और पाकिस्तानी संदिग्धों को भारत भेजकर आतंकी साजिश रच रहा है।

बहराइच की 111 किलोमीटर लंबी खुली सीमा, जो नो-मेन्स लैंड और जंगली क्षेत्रों से घिरी है, घुसपैठियों के लिए आसान रास्ता मानी जाती है। हाल के महीनों में, बहराइच में स्मैक तस्करी के कई मामले भी सामने आए हैं, जिसमें नेपाली और स्थानीय तस्कर पकड़े गए। सुरक्षा एजेंसियां आशंका जता रही हैं कि ये संदिग्ध लखनऊ, वाराणसी, और अयोध्या जैसे प्रमुख शहरों को निशाना बना सकते हैं।

स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

बहराइच के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राम नयन सिंह ने सीमा पर विशेष अभियान चलाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी साझा करने की अपील की है। मोतीपुर थाने के SHO दद्दन सिंह और अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) दुर्गा प्रसाद तिवारी ने संदिग्ध की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ तेज कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि संदिग्ध का पाकिस्तान से क्या संबंध है और क्या वह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है।

भारत-नेपाल सीमा की संवेदनशीलता

भारत और नेपाल के बीच 1,850 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, सिक्किम, और पश्चिम बंगाल के पांच राज्यों से होकर गुजरती है। यह खुली सीमा ऐतिहासिक रूप से ‘रोटी-बेटी’ के रिश्ते के लिए जानी जाती है, लेकिन इसका दुरुपयोग तस्करी और घुसपैठ के लिए भी होता रहा है। सीमा हैदर प्रकरण और हाल के वर्षों में बांग्लादेशी, पाकिस्तानी, और यहां तक कि चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है।

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