पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रविवार रात लगातार 11वीं बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। कुपवाड़ा, बारामुल्ला, पुंछ, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर के आसपास के क्षेत्रों में पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना उकसावे के छोटे हथियारों से गोलीबारी की।

यह सिलसिला 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से शुरू हुआ, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की इस आक्रामकता का सटीक और संतुलित जवाब दिया, साथ ही अग्रिम चौकियों और नागरिक क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की।
पाकिस्तान ने देर रात से सोमवार तड़के तक आठ सेक्टरों में अपनी 35 सीमा चौकियों से रुक-रुक कर गोलीबारी की। इस दौरान नदियों और बस्तियों के पास नागरिक इलाकों को भी निशाना बनाया गया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने कोटली, मीरपुर, मंगला फॉरवर्ड, खुरेटा, रावलकोट, भट्टल, हजीरा, मुजफ्फराबाद, अलीबाद, चकोठी, एबटाबाद, बाग और बालाकोट जैसे क्षेत्रों में सैन्य तैनाती बढ़ाई है, जो आगे की उकसावे की तैयारी का संकेत देता है।
पाकिस्तान ने भारतीय निगरानी को भटकाने के लिए “सैन्य धोखे” की रणनीति अपनाई है। उसने टैंक, तोपखाने और वायु रक्षा तोपों के नकली मॉडल तैनात किए हैं, ताकि भारतीय रडार और सैटेलाइट को भ्रमित किया जाए और युद्ध के मैदान की वास्तविक स्थिति को गलत समझा जाए।
पहलगाम हमले के बाद बढ़ा व्यापारिक तनाव
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए, जिनमें इस्लामाबाद से आयात, पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक और अन्य दंडात्मक उपाय शामिल हैं। जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय ध्वज वाले जहाजों को अपने बंदरगाहों में प्रवेश से रोक दिया और तीसरे देशों के जरिए भारत के साथ व्यापार निलंबित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ “दृढ़ और निर्णायक” कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। पहलगाम हमला, जिसमें ज्यादातर पर्यटक मारे गए थे, 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है। सरकार ने अभी तक हताहतों की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं की है। हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है। पर्यटक क्षेत्र की सड़कें अब सुनसान दिख रही हैं, और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।