मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ बिल रिपोर्ट को फ़र्ज़ी बताया, सभापति से जेपीसी को वापस करने को कहा..

मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ बिल रिपोर्ट को फ़र्ज़ी बताया और कहा, “हम ऐसी फ़र्ज़ी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”

मल्लिकार्जुन खड़गे ने वक्फ बिल रिपोर्ट को फ़र्ज़ी बताया और कहा, “हम ऐसी फ़र्ज़ी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि जेपीसी में विपक्षी सदस्यों द्वारा असहमति नोट हटा दिया गया है। आरोपों पर सत्ता पक्ष ने भारी आपत्ति जताई। राज्यसभा में बोलते हुए खड़गे ने मांग की कि रिपोर्ट को वापस भेजा जाए और सभी असहमतिपूर्ण राय को शामिल करने के बाद ही इसे फिर से पेश किया जाए।

खड़गे ने कहा, “वक्फ बोर्ड पर जेपीसी रिपोर्ट में कई सदस्यों की असहमति रिपोर्ट है… उन नोटों को हटाना और हमारे विचारों को दबाना सही नहीं है… यह लोकतंत्र विरोधी है… मैं असहमति रिपोर्ट को हटाने के बाद पेश की गई किसी भी रिपोर्ट की निंदा करता हूं। हम ऐसी फ़र्ज़ी रिपोर्ट को कभी स्वीकार नहीं करेंगे… अगर रिपोर्ट में असहमति के विचार नहीं हैं, तो इसे वापस भेजा जाना चाहिए और फिर से पेश किया जाना चाहिए…”

हंगामे के बीच राज्यसभा के सभापति ने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट से कोई असहमति नोट नहीं हटाया गया है। गरमागरम बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर सदन को गुमराह करने और संसदीय कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया। सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों द्वारा विरोध का जवाब दिए जाने पर रिजिजू ने कहा, “विपक्ष को सदन को गुमराह नहीं करना चाहिए।” रिजिजू ने कहा, “मैंने विपक्ष द्वारा उठाई गई चिंताओं की जांच की है। रिपोर्ट से कोई भी बात हटाई या हटाई नहीं गई है। सदन में सब कुछ मौजूद है। किस आधार पर ऐसा मुद्दा उठाया जा सकता है? विपक्ष के सदस्य अनावश्यक मुद्दा बना रहे हैं, जो तथ्य नहीं है। आरोप झूठे हैं। जेपीसी ने नियमों के अनुसार पूरी कार्यवाही की… जेपीसी के सभी विपक्षी सदस्यों ने पिछले 6 महीनों में सभी कार्यवाही में भाग लिया… रिपोर्ट के परिशिष्ट में सभी असहमति नोट संलग्न हैं… वे सदन को गुमराह नहीं कर सकते…

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