लखनऊ: कृष्णा नगर श्रीमद्भगवद्गीता सेमिनार के अंतिम दिन पर इस्कॉन मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी के साथ 800 से ज्यादा भक्तों ने ” आत्म खोज का सफर ” किया। श्री श्री राधारमण बिहारी (इस्कॉन) मंदिर द्वारा आर ए एस एकेडमी निकट यातायात पार्क सुनहरा रोड कृष्णा नगर लखनऊ में दिन शनिवार,रविवार को श्रीमद् भगवद्गीता द्वि दिवसीय सेमिनार ( आत्म खोज का सफर ) का आयोजन किया गया। जिसके क्रमानुसार दूसरे अंतिम दिन मंदिर अध्यक्ष अपरिमेय श्यामदास प्रभु जी ने बताया कि हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी देवताओं में से परम् पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ही मूल हैं। जिन्हें मुस्लिम धर्म में में अल्लाह और ईसाई धर्म में गॉड के नाम से जाना जाता है।

उन्होंने आगे बताया कि आध्यात्मिक दृष्टि से देखने पर यह ज्ञात होता है कि अच्छे लोगों के साथ बुरा तथा बुरे लोगों के साथ अच्छा कभी नहीं हो सकता। यह तभी तक रहता है जब तक व्यक्ति के पुण्य उसके साथ रहते हैं।उन्होंने बताया कि यदि हम आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो सभी धर्मों में समान शिक्षा दी गई है,जिस तरह कुरान के अनुसार अल्लाह ही परम् ईश्वर है बाइबिल के अनुसार ईसा मसीह ही परमेश्वर हैं ठीक उसी प्रकार भगवद गीता के अनुसार परम् पुरुषोत्तम श्रीकृष्ण ही परम् ईश्वर हैं।अलग अलग धर्मों में उनको अलग अलग नामों से जाना जाता है। जिस तरह सूर्य एक ही होता है लेकिन अलग अलग जगह पर अलग अलग भाषा में उसको अलग अलग नाम दिया गया है ठीक उसी तरह ईश्वर भी एक ही है उसे अलग अलग नामों के द्वारा पुकारा जाता है।