कांग्रेस के द्वारा उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय चिंतन शिविर के दूसरे दौर में पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहद नाजुक है, जो चिंताजनक दौर में है। देश में महंगाई अस्वीकार्य स्तर तक बढ़ गई है और ऐसा सरकार की गलत नीतियों की वजह से हो रहा है।

उन्होंने असल हालात को स्पर्श करते हुए कहा कि विदेश के हालात से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ गया है, लेकिन केंद्र सरकार इन घटनाक्रमों से निपटने के उपायों को लेकर अनभिज्ञ नजर आ रही है। ऐसे में केंद्र सराकार को चाहिए कि वैश्विक और घरेलू घटनाक्रमों को ध्यान में रखकर आर्थिक नीतियों के पुन: निर्धारण पर विचार करना आवश्यक हो गया है।
उन्होंने केंद्र और राज्यों के वित्तीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की बात करते हुए कहा कि राज्यों की वित्तीय स्थिति पहले कभी इतनी नाजुक नहीं रही है।
हालांकि उन्होंने राहत भरी बात यह कही कि श्रीलंका जैसे हालात का डर यहां नहीं है। मोदी सरकार के द्वारा दमन की कोशिशों के बाद भी भी यहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया जारी है और आर्थिक चुनौतियों से निपटने में हम सक्षम होंगे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के द्वारा गेहूं निर्यात पर रोक लगाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि गेहूं की पैदावार कमोबेश एक जैसी है और उसमें कमी नहीं आई है, इसके बावजूद भी सरकार ने इसके निर्यात पर पाबंदी लगाई है, जो किसान विरोधी कदम है। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि ये सराकर सदैव से किसान विरोधी रही है।
गेहूं निर्यात पर रोक लगाए जाने का कारण पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि मेरा मानना है कि केंद्र सरकार पर्याप्त गेहूं खरीदने में विफल रही है, जो कि एक किसान विरोधी कदम है। मुझे इस बात को लेकर कोई हैरानी नहीं है, क्योंकि यह सरकार कभी किसान हितैषी नहीं रही है।
उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए सवाल उठाया कि 2013 में मोदी ने कहा था कि जब हमारी सरकार बनेगी तो 1 डॉलर 40 रुपये का होगा, तो अब उनके उस कमिटमेंट क्या हुआ।
उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज भी डॉलर के मुकाबले रुपये को बढ़ाने की बात करती थीं लेकिन परिणाम उलटा है, जो कि होना था, क्योंकि इनकी नीतियों की ख़ामी है जिसकी वजह से रुपया डॉलर के मुकाबले गिरकर 77.42 पर पहुंच गया है।
इसके साथ ही चिदंबरम ने दिल्ली में आग से 28 लोगों की मौत पर दुख जताया और कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करती है। उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि देशभर में पूजस्थलों की यथास्थिति बरकार रखी जानी चाहिए।