चुनावी रणनीतिकार पीके यानी प्रशांत किशोर इन दिनों सियासी गलियारे में बड़ी तेजी से चमक रहे हैं। आज-कल देश के हर एक मीडिया चैनल की नजर उन्हीं पर टिकी है। वो किससे मिल रहे हैं, क्या करने वाले हैं उनसे संबंधित हर एक एक्शन को मीडिया बड़ी बारीकी से दिखा रही है।

गुरूवार को उन्होंने कहा कि वो बिहार के लोगों के लिए काम करेंगे। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि वो बिहार के लोगों से संपर्क कर बात करेंगे। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर से बिहार में 3000 किलोमीटर की पद यात्रा करेंगे।
पीके ने बिहार के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यहां स्वास्थ्य से लेकर रोजगार की स्थिति नाजुक है। बिहार देश भर में सबसे निचले पायदान पर है। लालू और नीतीश कुमार के 30 साल के शासन के बाद भी बिहार पिछड़ा राज्य है। अगर बिहार को आगे बढ़ाना है तो सबको आगे बढ़ाना होगा। इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है।
प्रशांत ने कहा कि आज मेरे पास जो कुछ है वो सब मै बिहार के लिए समर्पित करता हूं। बिहार के लोगों से जाकर मिलूंगा और बात को समझूंगा। वह इस बात से भी सहमत दिखे कि प्रदेश की दशा और दिशा बदलने के लिए नई राजनीतिक पार्टी की जरूरत है, हालांकि उन्होंने इससे जुड़ा कोई ऐलान नहीं किया।
आपको बता दें कि इससे पहले पीके ने एक ट्वीट से संकेत दिया था कि वो अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत बिहार से करेंगे, तब से बिहार की सियासी गलियारा गरमा गरमा गई थी। उनके इस ट्वीट का जवाब देते हुए बीजेपी के वरीष्ठ नेता कहा था कि जिनको अलग-अलग पार्टी के साथ काम करने के बाद भी जानता के मुद्दे समझ नहीं आये , वे अब अकेले तीर मार पाएंगे।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि लोकतंत्र में सार्थक भागीदार बनने और जन समर्थक नीति को आकार देने की खोज की 10 साल की यात्रा हो गई है। अब मै नई शुरूआत करता हूं, यह असल काम करने , लोगों से जुड़ने, मुद्दों को बेहतर ढंग से समझने और जन सुराज की राह पर जाने का समय है। शुरूआत बिहार से।