
लखनऊ। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि, मैं खुद महिला आयोग की सदस्य होने के बावजूद यूपी में आने से डरती हूं। यहां सिर्फ मुख्यमंत्री के कहने पर ही कोई कार्रवाई होती है।
पुलिस में फरियादियों की कोई सुनवाई नहीं होती। यह बात उन्होंने आगरा के मंटोला में साहसी नाजिया के घर एक मामले की सुनवाई के दौरान कही।
मुख्यमंत्री के हाथों रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार पाने वाली नाजिया को पुलिस प्रताड़ित कर रही है। शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नाजिया ने एक बच्चे को अपरहणकर्ताओं के हाथों से बचाया था। जिसके चलते उसे सम्मानित किया गया था।
हाल ही में नाजिया ने क्षेत्र में सट्टेबाजी की शिकायत पुलिस से की थी। जिसके बाद पुलिस और आरोपी दोनों ही नाजिया के दुश्मन बन गए।इसकी शिकायत नाजिया ने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से की थी।
यह खबर लगते ही राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू शुक्रवार को नाजिया से मिलने आगरा आई थीं। उन्होंने नाजिया से हालात की जानकारी लेते हुए उसे इंसाफ का भरोसा दिलाया,साथ ही उन्होंने शीर्ष अधिकारियों का ध्यान प्रकरण की गंभीरता की ओर दिलाया ।
मौके पर मौजूद संबंधित थाने के एसओ मंटोला शिवशंकर शर्मा को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया और जमकर खरी-खोटी सुनाते कहा कि यह वर्दी उतार दो । उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस तो अब सिर्फ सीएम के आदेश पर ही कोई कार्रवाई करती है। फिर चाहें फरियादी कितने भी चक्कर लगाता रहे।