नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, यूं करें मां को प्रसन्न..
(कोमल)
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप को समर्पित है. ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।
नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है… माता का यह स्वरूप बहुत करुणामयी माना जाता है… जिसे उन्होंने भक्तों की तपस्या को सफल करने के लिए धारण किया था… मान्यता है कि, मां ने महर्षी कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर पुत्री के रूप में उनके घर जन्म लिया… कात्यायन की पुत्री होने के कारण उनका नाम कात्यायनी रखा गया…. साथ ही दानव महिषासुर का वध करने के कारण मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी भी कहते हैं।
पूजा विधि- सबसे पहले सुबह स्नान करें और मां कात्यायनी की पूजा के लिए पीले या लाल रंग के वस्त्र पहने अब पूजा स्थान पर कात्यायनी देवी की प्रतिमा स्थापित करें साथ ही गंगाजल से छिड़काव कर शुद्धिकरण करिए इसके बाद मां की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और पुष्प चढ़ाएं और मां को प्रणाम कर उनका ध्यान कीजिए माता के समक्ष पीले रंग के फूलों का साथ कच्ची हल्दी की गांठ भी चढ़ाएं। इसी के साथ शहद भी अर्पित करें धूप-दीप से मां की आरती उतारें इसके बाद सभी को प्रसाद बांटे
मां कात्यायनी की कथा- पौराणिक कथा के अनुसार जब महर्षि कात्यायन ने मां नवदुर्गा की घोर तपस्या की तब माता उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी पुत्री के रूप में उनके घर में जन्म लिया था देवी दुर्गा का जन्म महर्षि कात्यायन के आश्रम में हुआ था और मां का लालन पोषण ऋषि कात्यायन ही ने किया था मां के जन्म लेने के बाद ही श्रीदेवी के नेत्र से देवी दुर्गा की उत्पत्ति हुई थी। देवी दुर्गा ने ऋषि कात्यायन के यहां आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन जन्म लिया था माता के जन्म के बाद ऋषि कात्यायन ने अपनी पुत्री मां दुर्गा का 3 दिनों तक पूजन भी किया था और महिषासुर राक्षस का अत्याचार बढ़ जाने के कारण मां कात्यायनी ने उसका वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी।
मां कात्यायनी का भोग- नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है और नवरात्रि में नौ दिन तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और उन्हीं एक रूप में से माता कात्यायनी का रूप है मां कात्यायनी देवी का रूप बहुत आकर्षक है इनका शरीर सोने की तरह चमकीला है साथ ही माता कत्यायनी को शहद से बनी चीजों और पान का भोग लगाया जाता है आप माता को केसरी फिरनी का भोग लगा सकते हैं. इसे आप शक्कर की जगह शहद से बना सकते हैं यह एक बहुत ही स्वादिष्ट डिजर्ट जिसे चावल, चीनी या शहद दूध, इलाइची और नट्स डालकर बनाया जाता है।