
दिलीप कुमार
कुछ महीन पहले कुछ अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने दावा किया था कि इजारयली पेगासस स्पाईवेयर देश के कई दिग्गजों के फोन को हैक किया था, जिसके बाद से देश भर में सरकार के विरोध में मामला गरम हो गया था। इस मामले को लेकर विपक्ष सुप्रीमकोर्ट के ओर रूख किया था।

आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस को इजरायली पेगासस स्पाईवेयर 25 करोड़ रुपये में ऑफर किया गया था। बनर्जी का दावा करते हुए कहा कि चार-पांच साल पहले यह सॉफ्टवेयर पुलिस को देने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया था।
ममता ने यह खुलास तब किया जब वो नबन्ना राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उस दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने राजनेताओं, न्यायाधीशों और अधिकारियों के खिलाफ स्पाइवेयर का दुरुपयोग किये जाने का आशंका के चलते इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि एनएसओ समूह चार से पांच साल पहले हमारे पुलिस विभाग में पेगासस स्पाइवेयर बेचने आए थे। इसके लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी।
ममता बनर्जी ने कि मैंने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दी थी क्योंकि राजनीतिक रूप से इसके गलत इस्तेमाल होने की आशंका थी, जोकि मुझे स्वीकार्य नहीं है। ममता बनर्जी ने इस मामले को लेकर लगातार निशाना साधती रही है। वह इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक की मांग कर रही हैं।
उन्होंने राष्ट्र के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कहा कि इस स्पाइवेयर का उपयोग देशद्रोहियों के खिलाफ या राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए इसका उपयोग करना उचित है। लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसका उपयोग न्यायाधीशों और अधिकारियों के खिलाफ कत्तई नहीं किया जाना चाहिए।
ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी विपक्षी नेताओं की जासूसी करा कर लोकतंत्र की हत्या की है। उन्होंने कहा कि मेरी खुद की जासूसी हो रही है। बीजेपी बोलने की आजादी छीन रही है।
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने जुलाई 2021 में एक सूची जारी की थी, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, तत्कालीन चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, अश्विन वैष्णव समेत तमाम कई दिग्गजों का नाम शामिल था