पूर्व सीएम हरीश रावत ने जारी किया वीडियो, हार स्वीकारते वक्त हुए भावुक

दिलीप कुमार

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने हार को स्विकारा है। हरीश रावत उत्तराखंड लालकुंआ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे थे।

जहां उनको अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा। उनके हार से कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। उनके राजनैतिक भवीष्य को लेकर अलग अलग अटकलें लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही उन मुद्दों पर बहस शुरू हो गया है जिन मुद्दों को वो अक्सर उठाते रहे हैं।

आपको बता दें कि हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वो अपने अप्रत्याशित हार को लेकर बहुत भावुक दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं लालकुआं क्षेत्र के लोगों से क्षमा चाहता हूं कि मैं उनका विश्वास अर्जित नहीं कर पाया और जो चुनावी वादे मैंने उनसे किए, उनको पूरा करने का मैंने अवसर खो दिया है।

उन्होंने आगे कहा कि बहुत कम समय में आपने मेरी ओर स्नेह का हाथ बढ़ाने का प्रयास किया और मैं अपने आप को आपके बढ़े हुए हाथ की जद में नहीं ला पाया। हरीश रावत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का सराहना करते हुए कहा कि कांग्रेस जनों ने अथक परिश्रम कर मेरी कमजोरियों को ढकने और जनता के विश्वास को मेरे साथ जोड़ने का प्रयास किया।

मै सभी कार्यकर्ता साथियों को धन्यवाद अर्पित करता हूं। इसके बाद उन्होंने कहा कि एक बार राजनीतिक स्थिति में स्थाईत्व आ जाए और लोग अपने दिनचर्या में पहले के तरह आ जाएं तब मै खुद लालकुआं के लोगों के बीच मिलने पहुंचूंगा। इसके साथा ही उन्होंने लालकूआं से विजयी प्रत्याशी को बधाई और शुभकामनाएं दी।
गौरतलब है कि हरीश रावत को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था। अघोषित तौर पर उत्तराखंड में सीएम का चेहरा भी थे। इसके बावजूद भी वो बीजेपी की आंधी में लालकुआं का सीट नहीं बचा पाए। हरीश रावत आगे क्या करेंगे, यह कहना बेहद जल्दबाजी होगा। बहरहाल वो जनता जनार्दन के आदेश को स्वीकार करते हुए अपने हार की जिम्मेदारी ले लिये।

बता दें कि वर्ष 2017 में हरीश रावत अपने दो दो सीटों से हारे थे, जिसका बदला वो बीजेपी से इस बार लेना चाहते थे, लेकिन समय ने उनका साथ नहीं दिया। हरीश रावत के हर उन मुद्दों पर मंथन करने का समय आ गया है, जिन मुद्दों को जनता ने सिरे से नकारा दिया है। हरीश रावत ने अक्सर करके सरकार को रोजगार और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर घेरते रहे हैं।

वो उत्तराखंड के उन मुद्दों को उठाते रहे जिन मुद्दों से उत्तरखंडियात बची रहे। हरीश रावत बतौर प्रत्याशी 2017 के विधानसभा चुनाव में किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ा था। बता दें कि ये दोनों सीटों में पर्वतीय और मैदानी दोनों तरह के लोग रहते हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पर्वतीय क्षेत्र को चुना था। उसके बावजूद भी उन्हें लालकुआं के लोगों ने कोई तवज्जो नहीं दिया।

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