
दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर लगातार जारी है। कई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में कई बड़े देश कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए अहम कदम उठाते हुए सामने आ रहे हैं। इन्हीं कदमों में से एक है वैक्सीन पासपोर्ट। जानकारी के लिए आपको बता दें कि अमेरिका को ब्रिटेन जैसे विकसित देश इसे जारी करने की तैयारी में लगे हुए हैं। इन देशों के साथ यूरोपीय देशों ने भी अपने यहां वैक्सीन पासपोर्ट लागू करने का समर्थन किया है। लेकिन जब बात भारत तक आई तो यहां इसका खुल कर विरोध जताया गया। वहीं इसे लोगों के साथ भेदभाव करार दिया गया।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत में जब इस पर विचार करने के लिए दबाव बनाया गया तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सिंह ने अपने एक बयान में कहा कि, “कई विकासशील और पिछड़े देशों में वैक्सीन की उपलब्धता काफी कम है. ऐसे में यदि वैक्सीन को पासपोर्ट की तरह इस्तेमाल किया गया, तो उन देशों के लोग कहीं नहीं आ-जा पाएंगे। इस तरह की पहल बहुत ज्यादा भेदभावपूर्ण साबित हो सकती है।”

क्या है वैक्सीन पास्पोर्ट?
वैक्सीन पासपोर्ट एक तरह से आपका हेल्थ कार्ड होगा, जिसमें कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़ी सभी जानकारी देनी अनिवार्य होंगी। जैसे की आपको बताना होगा कि आपके कोरोना वैक्सीन लगी है या नहीं। आपका कोरोना टेस्ट हुआ है या नहीं, और ये पॉजिटिव है या नेगेटिव आदि। इसी के आधार पर आपको आगे चलकर रिहायतें भी दी जा सकत हैं। गौरतलब है कि ये वैक्सीन पासपोर्ट विदेशी यात्राओं के दौरान ही नहीं बल्कि किसी सार्वजनिक स्थान, स्टेडियम, दफ्तर, सिनेमा हॉल आदी में एंट्री लेते समय दिखाना भी अनिवार्य होगा। आने वाले समय में यह कई विकसित देशों में लागू होगा।
