योगी जी..22 जिलो में दम तोड़ रहा मिशन शक्ति अभियान,पढ़ें ये रिपोर्ट

यूपी में लगातार अपराध बढ़ते देख नवरात्र के शुरुआत में यूपी की योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए मिशन शक्ति की शुरुआत की। जिसके तहत महिलाओं संबंधित अपराध पर सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए 6 महीनों का विशेष अभियान चलाया है। जिसमें बलात्कार छेड़छाड़ करने वालों पर नकली कसी जाएंगे। लेकिन पिछले 10 दिनों का मिशन शक्ति का रिपोर्ट कार्ड देखा जाए तो पता चलता है कि मिशन शक्ति खरी नहीं उतर रही है।

अब तक प्रदेश में 11 मामलों में 18 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई। 42 मामलों के 86 आरोपियों को आजीवन कारावास हुआ। 65 मामलों के 96 आरोपियों को 10 साल या उससे अधिक की सजा सुनाई गई। 87 मामले के 115 आरोपियों को अर्थदंड लगाया गया। 296 जिला बदर किए गए। 600 आरोपियों की जमानत खारिज करा कर जेल भेजा गया।

लेकिन इन तमाम उपलब्धियों के बीच 10 दिन के रिपोर्ट कार्ड ने एक और सच्चाई उजागर की है. उत्तर प्रदेश के 22 जिले ऐसे हैं, जहां मिशन शक्ति को लेकर अफसरों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, कार्रवाई नहीं की गई. इन जिलों के लिए मिशन शक्ति एक कागजी अभियान बन गया है, इसमें पुलिस कमिश्नर प्रणाली वाला नोएडा के साथ-साथ अलीगढ़, एटा, देवरिया, कुशीनगर, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर ,कानपुर देहात, इटावा, जालौन, झांसी, ललितपुर, सीतापुर, रायबरेली, बुलंदशहर, शामली, प्रयागराज, कौशांबी, मऊ और भदोही शामिल हैं. मिशन शक्ति में फिसड्डी इन 22 जिलों का पूरा रिपोर्ट कार्ड अभियोजन के तरफ से गृह विभाग को रिपोर्ट भेज दी गई है।

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