
बेरुत में धमाके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद लेबनान के प्रधानमंत्री सहित पूरी सरकार ने इस्तीफा दे दिया है। लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाकों ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। प्रधानमंत्री हसन दीब पर विनाशकारी विस्फोट के बाद भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे।

इस घटना को लेकर देश में इस कदर आक्रोश है कि पूरी सरकार ने ही इस्तीफा दे दिया है। देश के प्रधानमंत्री हसन दिआब जल्द ही इसका ऐलान कर सकते हैं। 150 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले धमाके की जांच में धीरे-धीरे सरकारी महकमे की लापरवाही और सरकार की अयोग्यता को लेकर सवाल उठने लगे तो एक-एक कर मंत्रियों ने इस्तीफा देना शुरू कर दिया था, जिसके बाद पूरी सरकार ने ही इस्तीफा दे दिया।
राष्ट्रपति मिशेल एउन ने प्रधानमंत्री हसन इस्तीफा स्वीकार कर लिया और सरकार से एक नई कैबिनेट के गठन तक कार्यवाहक बने रहने के लिए कहा। नवीनतम जानकारी के अनुसार, बेरुत के बंदरगाह पर हुए भारी विस्फोट के बाद देश में तनाव बढ़ गया है। इस विस्फोट में अबतक 200 लोगों की मौत हो गई और 6,000 अन्य घायल हो गए।
प्रधानमंत्री हसन टेलीविजन पर एक बयान में यह कहते हुए दिखो कि एक कदम पीछे ले रहा था, ताकि वह लोगों के साथ खड़ा हो सके और बदलाव के लिए लड़ाई लड़ सके। उन्होंने कहा, “मैं आज इस सरकार के इस्तीफे की घोषणा करता हूं। भगवान लेबनान की रक्षा करें।”
इस घटनाक्रम के बाद बेरूत में हिंसक विरोधी प्रदर्शन हुआ, जिसमें 728 लोग घायल हो गए। इसमें एक पुलिस अधिकारी की हत्या भी कर दी गई।
राजनीतिक और आर्थिक सुधार
4 अगस्त की आपदा, जो अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट की वजह से थी। उसने एक बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में गुस्से और उकसाने वाली राजनीति को हवा दी। अधिकांश लेबनानी सरकार पर भ्रष्टाचार और विस्फोट के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाते हैं। इस विस्फोट से देश को अनुमानित 15 बिलियन डॉलर की क्षति हुई है और लगभग 300,000 लोग बेघर हो गए हैं।
अक्टूबर के बाद देश में भ्रष्टाचार, अक्षमता और कुप्रबंधन पर संपूर्ण संप्रदाय-आधारित नेतृत्व को छोड़ने की मांग करते हुए बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं।