
सावन का महीने में कई पूजा पाठ और त्योहार होते हैं। इसमें सबसे पहले सावन का सोमवार, सावन आमावस्या, हरियाली तीज, नाग पंचमी और रक्षाबंधन प्रमुख हैं। हरियाली तीज का इंतजार शादीशुदा महिलाओं को बेसब्री से रहता है। हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है, तो वहीं कुछ जगह पर यह कजली तीज के नाम से भी जाती है। यह त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता है। इस दिन सुहागिने व्रत रखती हैं और मां पार्वती के साथ ही शिव जी की पूजा कर पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए कामना करती हैं।

आपको बता दें कि इस दिन महिलाएं बागों में झूला झूलती हैं। इसी के साथ हाथों पर मेंहदी लगाती हैं। हरियाली तीज की पूर्व संध्या से ही रस्में निभाई जाती हैं। इसी में एक रस्म रतजगा भी होता है। यह रात्रि में किया जाने वाला एक तरह का जागरण होता है। इसमें महिलाएं रात्रि जागरण करते हुए हर्ष और उल्लास के साथ तीज के लोकगीत और भजन गाती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार रतजगा की यह रस्म श्रावण शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निभाई जाती है। जबकि हरियाली तीज इसके अगले दिन तृतीया तिथि को पड़ती है।