श्रमजीवी एक्सप्रेस में ब्लास्ट के मुख्य आरोपी को फांसी की सजा

श्रमजीवी एक्सप्रेसजौनपुर। श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन में 28 जुलाई, 2005 को हुए आतंकी विस्फोट मामले के मुख्य आरोपी बांग्लादेशी मोहम्मद आलमगीर उर्फ रोनी को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव ने फांसी की सजा सुनाई है। इसी मामले के दूसरे आरोपी ओबैदुर्रहमान पर अदालत का फैसला दो अगस्त को आएगा। 

श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के आरोपी पर कई मुक़दमे

आतंकी रोनी पर हत्या, हत्या के प्रयास, षड्यंत्र, गंभीर चोट पहुंचाने, फॉरेनर्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व रेलवे अधिनियम का मामला दर्ज है।

यह वारदात जौनपुर के राजा हरपाल सिंह रेलवे स्टेशन के पास हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग पर घटित हुई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी और 60 यात्री घायल हो गए थे। घटना की प्राथमिकी ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाना में दर्ज कराया था।

महत्वपूर्ण फैसले को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने अदातल परिसर में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की थी। डॉग स्क्वायड सहित सुरक्षा के कई स्तर भी बनाए गए थे। जेल से लेकर दीवानी न्यायालय तक का सारा क्षेत्र छावनी में तब्दील था। वहीं रोनी के चेहरे पर अफसोस का नामो-निशान तक नहीं था।

श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट के दोनों आरोपी बांग्लादेश के निवासी हैं। दोषी करार मो. रोनी रानीनगर, बुआलिया, राजशाही बांग्लादेश तथा ओबैदुर्रहमान कलियानी बगुरा बांग्लादेश के रहने वाले हैं।

उधर, पुलिस विवेचना में प्रकाश में आए सात आरोपियों में से उन दो के अलावा बांग्लादेश निवासी आरोपी तीसार हिलाल व चौथा पश्चिम बंगाल निवासी नफीकुल बिस्वास दूसरे मुकदमे में आंध्रप्रदेश के चेरापल्ली जेल में बंद है। इन दोनों का मामला विचाराधीन है।

इस विस्फोट कांड का मास्टरमाइंड पांचवां आरोपी कंचन उर्फ शरीफ को इंटरपोल भी अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इसी तरह छठे आरोपी याहिया की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है और सांतवें आरोपी डॉ. सईद का नाम-पता तस्दीक नहीं हो सका है।

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