पकिस्तान के खिलाफ भारत के समर्थन में उतरा अमेरिका

अमेरिका ने भारतनई दिल्ली। अमेरिका ने भारत को पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के मामले में पाकिस्तान के खिलाफ ठोस सबूत दिए हैं| अमेरिका ने एनआईए को 1,000 पन्नों वाला डॉजियर सौंपा है। इन सबूतों के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की कलाई खुल गयी है| अमेरिका ने भारत को यह सबूत म्यूचुअल लीलग असिस्टेस ट्रीटी के तहत सौपे हैं|

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इन सबूतों में जैश-ए-मोहम्मद के संचालक कासिफ जान और चार फिदायीनों के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा दिया गया है| अमेरिका का दावा है पठानकोट एयरबेस पर हमले के दौरान लश्कर आतंकियों के बीच यह बातचीत हुई थी| इसमें लश्कर के सरगना अपने आतंकियों को लोगों को मारने के तरीके बता रहे हैं| यह बातचीत भारत में हुए मुम्बई हमलों से काफी मिलती जुलती है|

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भारत यह बात हमेशा से कहता रहा है कि मुम्बई हमले की तर्ज पर पठानकोट हमले के दौरान भी आतंकी पाकिस्तान में बैठे अपने कमांडरों से लगातार संपर्क बनाए हुए थे| इन अमेरिकी सबूतों ने इस बात को और अधिक मजबूती दी है कि पठानकोट एयरबेस हमले की साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी|

फिलहाल एनआईए के अधिकारी इन कागजातों का विश्लेषण करने में जुटे हुए हैं| प्रारंभिक जांच में जो बातें निकल कर सामने आई हैं उनके मुताबिक, कासिम व्हॉट्सएप और फेसबुक अकाउंट के जरिये लगातार अपने साथियों के संपर्क में था| जो फेसबुक अकाउंट कासिम ऑपरेट कर रहा था वह उसी नंबर से कनेक्टेड था जिस नंबर से एसपी सलविंदर सिंह का अपहरण करते वक्त कॉल किया गया था|

इस बात के भी सबूत हैं कि इन आतंकियों ने मुल्ला दादुल्ला के फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से भी पाकिस्तान में कॉल किया थे| यह अकाउंट भी कासिम जान ही ऑपरेट करता था| इन्हें पाकिस्तान के टेलिकॉम फर्म्स (टेलेनॉर ऐंड टेलेनॉर पाकिस्तान कम्युनिकेशंस कंपनी लिमिटेड, इस्लामाबाद) के आईपी अड्रेस के जरिये एक्सेस किया जा रहा था|

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